जूम से बचिए, नहीं तो हो जाएंगे क्लीन बोल्ड, सरकार ने कहा- नहीं करें ऐप का इस्तेमाल
गृह मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि जूम ऐप सुरक्षित नहीं है और सरकारी अधिकारी आधिकारिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करें। गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (साइकोर्ड) ने एक परामर्श में यह चेतावनी जारी की है।
नयी दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी पर काबू के लिए केंद्र सरकार द्वारा घोषित देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान घर से काम करने वाले अधिकारियों के लिए जूम एक लोकप्रिय मंच बन गया। लॉकडाउन के मद्देनजर आवश्यक सेवाओं को छोड़कर तमाम सेवाओं पर लगाम लगी हुई है। सरकार लगातार अपील कर रही है कि घरों से बाहर न निकलें और अपने बुजुर्गों का ध्यान रखें। इस बीच अधिकारी और आम जनता मीटिंग्स के लिए वीडियो प्लेटफॉर्म जूम (Zoom) का इस्तेमाल कर रहे हैं। हाल ही में इस ऐप को लेकर एक रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें दावा किया गया कि अकाउंट डीटेल्स बेची जा रही है।
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सुरक्षित नहीं है जूम ऐप
गृह मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा कि जूम ऐप सुरक्षित नहीं है और सरकारी अधिकारी आधिकारिक कार्यों के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करें। गृह मंत्रालय के साइबर समन्वय केंद्र (साइकोर्ड) ने एक परामर्श में यह चेतावनी जारी की है। इससे पहले यह चेतावनी, कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सर्ट-इन) द्वारा जारी की गई थी।
मंत्रालय ने कहा कि सरकारी अधिकारियों द्वारा आधिकारिक कार्यों के लिए इस प्लेटफार्म का इस्तेमाल नहीं किया जाए। मंत्रालय ने कहा कि दस्तावेज़ में सर्ट-इन द्वारा पहले जारी परामर्श का जिक्र किया गया है। इसमें कहा गया है कि ज़ूम एक सुरक्षित मंच नहीं है। यह निर्देश उन लोगों की सुरक्षा के लिए जारी किए गए हैं जो अब भी व्यक्तिगत मकसदों के लिए इस मंच का उपयोग करते हैं। गूगल ने भी इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।
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बेची जा रही है डीटेल्स
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक खबर के मुताबिक ज़ूम के मासिक डाउनलोड में भारी इजाफा देखा गया है। फरवरी में 5,00,000 यूजर्स से बढ़कर मार्च में 8.7 मिलियन हो गए हैं। इतना ही नहीं इसका इस्तेमाल स्कूल द्वारा कक्षाएं चलाए जाने के लिए भी किया जा रहा है।
हालांकि, तेजी से पॉपुलर हुए वीडियो-कॉलिंग ऐप जूम (Zoom) की प्राइवेसी पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। इतना ही नहीं इसको लेकर एक रिपोर्ट भी सामने आई है। जिसके मुताबिक 5,00,000 से ज्यादा जूम यूजर्स के पासवर्ड्स और बाकी अकाउंट डीटेल्स डार्क वेब पर बेची जा रही हैं। ब्लीडिंग कंप्यूटर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक लाखों लोगों का डेटा कौड़ियों के भाव पर बेचा जा रहा है।
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एक फोरम के मुताबिक 1 अप्रैल को जूम अकाउंट डीटेल्स को बेचने के लिए अपलोड किया गया था। दावा किया गया कि अकाउंट डीटेल्स को महज 15 पैसे प्रति यूजर के हिसाब से बेचा गया। तो जनाब अगर आप जूम ऐप का इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं तो मत करिए। और अगर आप पहले से इस्तेमाल कर रहे हैं तो तमाम ऐप मार्केट में मौजूद हैं उसकी सत्यता को जांच कर उन्हें इस्तेमाल कर लीजिए। बाकी एक सुझाव आपके लिए यह भी है कि रिकॉर्डिंग के फीचर को बिल्कुल भी इस्तेमाल न करिएगा और मीटिंग समाप्त हो जाने के बाद एडमिन तुरंत एग्जिट न करें, थोड़ा इंतजार जरूर करें।
सबसे अहम बात की कोई भी डाटा जूम ऐप के माध्यम से साझा न करें। सरकार ने जारी किए गए परामर्श में साफ कहा कि इस ऐप का इस्तेमाल न करें क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है। इंटरनेट पर भी इस ऐप को लेकर कई सारे दावे सामने आ रहे हैं।
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