उत्तराखंड सरकार सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों के रिश्तेदारों की यात्रा का खर्च उठाएगी

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12 नवंबर की सुबह भूस्खलन के बाद सुरंग के कुछ हिस्से ढह जाने के बाद 41 श्रमिक मलबे के एक विशाल ढेर के पीछे फंस गए थे। घटना के बाद से ही बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।

उत्तराखंड सरकार उत्तरकाशी जिले में सिल्कयारा सुरंग में पिछले एक सप्ताह से भी अधिक समय से फंसे 41 श्रमिकों के रिश्तेदारों की यात्रा, भोजन और आवास का खर्च वहन करेगी।

सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को जल्द निकाले जाने का आश्वासन उनके परिवारों कोदेते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को कहा कि अधिकारियों को फंसे हुए श्रमिकों के रिश्तेदारों के साथ संपर्क में रहने के लिए कहा गया है ताकि उन्हें किसी भी असुविधा का सामना न करना पड़े।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उन लोगों का खर्च वहन करेगी जो श्रमिकों का हालचाल जानने के लिए सिल्क्यारा आना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि फंसे हुए श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए मनोचिकित्सकों को भी शामिल किया गया है।

12 नवंबर की सुबह भूस्खलन के बाद सुरंग के कुछ हिस्से ढह जाने के बाद 41 श्रमिक मलबे के एक विशाल ढेर के पीछे फंस गए थे। घटना के बाद से ही बचाव अभियान युद्धस्तर पर चलाया जा रहा है।

जिला मुख्यालय उत्तरकाशीसे लगभग 30 किमी दूर और उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से सात घंटे की दूरी पर स्थित सिल्कयारा सुरंग केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी ‘चार धाम सदाबहार सड़क परियोजना’ का हिस्सा है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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