UP Police Constable Recruitment Exam 2024 कड़ी सुरक्षा के बीच कराये गये, परीक्षार्थियों ने कहा- आसान था पेपर
हम आपको बता दें कि योगी सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 23, 24, 25 और 30, 31 अगस्त को प्रदेश के सभी 67 जनपदों के 1174 सेंटर पर आयोजित की जा रही हैं।
योगी सरकार ने प्रदेश की अब तक की सबसे बड़ी यूपी पुलिस भर्ती की परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने के लिए फूलप्रूफ प्लान बनाया था जोकि कारगर रहा। योगी सरकार ने आरक्षी नागरिक पुलिस सीधी भर्ती की आज दो पालियों में होने वाली परीक्षा को लेकर कड़े सुरक्षा प्रबंध किये थे। इसके तहत हर परीक्षा केंद्र पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई साथ ही केंद्र में अभ्यर्थियों की संख्या के अनुरूप केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहे। वहीं सीसीटीवी कैमरों से गहन निगरानी भी की गयी। हम आपको बता दें कि सभी अभ्यर्थियों का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन के बाद ही परीक्षा केंद्र में प्रवेश दिया गया।
हम आपको बता दें कि योगी सरकार पुलिस बल को और मजबूती देने के लिए 60,244 पुलिस आरक्षी पदों पर भर्ती कर रही है, जिसकी परीक्षाएं 23, 24, 25 और 30, 31 अगस्त को प्रदेश के सभी 67 जनपदों के 1174 सेंटर पर आयोजित की जा रही हैं। इसके तहत प्रत्येक दिन अभ्यर्थी दो पालियों में परीक्षा देंगे। पहली पाली सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक होगी जबकि दूसरी पाली अपराह्न तीन बजे शुरू होगी और शाम पांच बजे खत्म होगी। अधिकारियों के अनुसार प्रत्येक दिन अनुमानित 9.5 लाख उम्मीदवारों के परीक्षा में शामिल होने की उम्मीद है। हम आपको याद दिला दें कि इस साल 17 और 18 फरवरी को आयोजित भर्ती परीक्षा पेपर लीक के आरोपों के बाद रद्द कर दी गई थी। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने किसी भी अनुचित साधन के इस्तेमाल से बचने के लिए हर परीक्षा केंद्र पर कड़े सुरक्षा इंतजाम किए हैं।
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हम आपको बता दें कि पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने राज्य की राजधानी लखनऊ में कुछ परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था का निरीक्षण किया है। परीक्षाएं सुचारू ढंग से जारी हैं। सीसीटीवी ठीक से काम कर रहे हैं।''
हम आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड (यूपीपीआरपीबी) की अध्यक्ष राजीव कृष्णा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप परीक्षा के लिए विभिन्न प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों की तैनाती की गई है। वहीं जनपद स्तर पर जिलाधिकारी जनपदीय पर्यवेक्षक (मजिस्ट्रेट) के रूप में कार्य कर रहे हैं। उनके द्वारा परीक्षा केन्द्र ड्यूटी, सेक्टर मजिस्ट्रेट, स्टैटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती समेत अन्य प्रशासनिक व्यवस्थाएं की गयी हैं। इसके तहत जिलाधिकारी द्वारा हर सेंटर पर स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ सहायक केंद्र पर्यवेक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी को सहायक नोडल अधिकारी (प्रशासन) के रूप में नियुक्त किया गया है जबकि 3 परीक्षा केंद्रों पर एक सेक्टर मजिस्ट्रेट की भी तैनाती हुई है। इतना ही नहीं नकलविहीन परीक्षा संपन्न कराने के लिए उड़ान दस्ते भी मुस्तैद रहे। साथ ही केंद्र पर्यवेक्षक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक से लेकर सब इंस्पेक्टर मौजूद रहे। प्रदेश के जिन सेंटर पर एक हजार से अधिक अभ्यर्थी हैं, वहां पुलिस उपाधीक्षक तैनात रहेंगे। वहीं एक हजार तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर इंस्पेक्टर और पांच सौ तक अभ्यर्थी वाले सेंटर पर सब इंस्पेक्टर को नियुक्त किया गया है। परीक्षा की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए परीक्षा केन्द्र पर नियुक्त कर्मियों में से 50 प्रतिशत जिलाधिकारी और शेष 50 प्रतिशत केन्द्र व्यवस्थापक (प्रधानाचार्य) द्वारा नियुक्त किये गये हैं। इनमें परीक्षा सहायक प्रथम एवं द्वितीय जिलाधिकारी और केन्द्र व्यवस्थापक द्वारा नियुक्त किये गये जबकि 12 अभ्यर्थियों पर एक अंतरीक्षक को तैनात किया गया। इसके साथ सहयोगी अंतरीक्षक भी तैनात रहेंगे।
हम आपको बता दें कि परीक्षा को पारदर्शी बनाने के लिए सही अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया जाए, इसके लिए तकनीक का प्रयोग किया गया। इसके लिए परीक्षा केन्द्र पर अभ्यर्थियों की चैकिंग, फ्रिस्किंग एवं पर्यवेक्षण की उचित व्यवस्था की गई। केंद्र पर अभ्यर्थियों को प्रवेश फिजिकल फ्रिस्किंग, एचएचएमडी द्वारा फ्रिस्किंग, बायोमैट्रिक फिंगर प्रिन्ट एवं फेशियल रिकॉग्निशन के बाद ही दिया गया। वहीं फेशियल रिकॉग्निशन न होने पर एफआरआईएस कैप्चर करने की भी व्यवस्था की गई है। फेशियल रिकॉग्निशन में संशय होने पर अभ्यर्थी का आधार ऑथेंटिकेशन कराये जाने की व्यवस्थ की गयी थी। इसके अलावा सभी केन्द्रों पर इलेक्ट्रानिक डिवाइसेज जैसे मोबाइल, ब्लूटूथ को निष्क्रिय करने के लिये जैमर लगाए गये। परीक्षा कक्ष एवं केन्द्र में सीसीटीवी लगाकर निगरानी की गयी जिसका लाइव फीड केन्द्र के कन्ट्रोल रूम, जनपद के कन्ट्रोल रूम एवं भर्ती बोर्ड मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम में प्राप्त होता रहा।
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