ISRO की बड़ी कामयाबी, चंद्रमा के और निकट पहुंचा ‘चंद्रयान 2’
इसरो के अधिकारियों के अनुसार पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव वाली कक्षा (अर्थ बाउंड ऑर्बिट) ऐसा चरण है जिस दौरान यान पृथ्वी के आभामंडल में रहेगा।
बेंगलुरू। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा है कि भारत के महत्वाकांक्षी चंद्र अभियान ‘चंद्रयान 2’ को पृथ्वी के इर्द गिर्द दूसरी बार उसकी कक्षा में आगे बढ़ाया गया है, जिससे वह चंद्रमा के और नजदीक पहुंच गया है। ऐसा पृथ्वी से दिये गए निर्देश के जरिए किया गया। इसरो ने एक बयान में कहा कि यान ने बृहस्पतिवार देर रात करीब एक बजकर आठ मिनट पर पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव वाले क्षेत्र की कक्षा में आगे बढ़ते हुए अपनी दूसरी कक्षा में प्रवेश किया। इसके लिये उसने यान में मौजूद प्रणोदन प्रणाली का इस्तेमाल किया, जिसमें 15 मिनट का समय लगा।
Second earth bound orbit raising maneuver for #Chandrayaan2 spacecraft has been performed today (July 26, 2019) at 0108 hrs (IST) as planned.
— ISRO (@isro) July 25, 2019
For details please check https://t.co/raXNQB76O6#ISRO
इसरो के अधिकारियों के अनुसार पृथ्वी के गुरुत्वीय प्रभाव वाली कक्षा (अर्थ बाउंड ऑर्बिट) ऐसा चरण है जिस दौरान यान पृथ्वी के आभामंडल में रहेगा। इसरो ने बताया कि अंतरिक्षयान की सभी गतिविधियां सामान्य स्थिति में हैं। देश के महत्वाकांक्षी बेहद कम लागत वाले अंतरिक्ष कार्यक्रम की दिशा में एक बड़ी छलांग लगाते हुए इसरो ने 22 जुलाई को आंध्र प्रदेश स्थित श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से अपने शक्तिशाली जीएसएलवी-एमकेIII-एम 1 के जरिये ‘चंद्रयान 2’ को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था। पृथ्वी के प्रभाव वाले क्षेत्र से चंद्रमा के आभामंडल में यह 14 अगस्त को प्रवेश करेगा। चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करते ही यान चंद्रमा की परिक्रमा करने लगेगा।
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इसरो के अनुसार चंद्रमा के प्रभाव वाले क्षेत्र की कक्षा में 13 दिन की परिक्रमा के बाद रोवर ‘प्रज्ञान’ को लेकर जा रहा लैंडर ‘विक्रम’ यान से अलग हो जायेगा और कुछ दिन कक्षा की परिक्रमा के बाद यह सात सितंबर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरेगा, जहां अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। अगर यह अभियान सफल रहा तो रूस, अमेरिका और चीन के बाद चंद्रमा की सतह पर उतरने वाला भारत चौथा देश हो जायेगा।
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