“नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है गुजरात का सहकारिता क्षेत्र”, मंत्री जगदीश विश्वकर्मा का बयान

Jagdish Vishwakarma
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अपने संबोधन में गुजरात के मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के इंडिया को सहकारिता का ब्रांड बनाने के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा कि सहकारिता, सिर्फ वैधानिक और संवैधानिक प्रावधान नहीं है बल्कि सहकारिता एक स्पिरिट है, एक संस्कार है।

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की उपस्थिति में राजधानी में राज्य सहकारिता मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। गुजरात के उद्योग एवं सहकार मंत्री जगदीश  विश्वकर्मा (पंचाल ), भी विभिन्न राज्यों के सहकारिता मंत्रियों समेत इस आयोजन में हिस्सा लिया। अपने संबोधन में गुजरात के मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के इंडिया को सहकारिता का ब्रांड बनाने के लक्ष्य को दोहराते हुए कहा, “सहकारिता, सिर्फ वैधानिक और संवैधानिक प्रावधान नहीं है बल्कि सहकारिता एक स्पिरिट है, एक संस्कार है। माननीय मुख्यमंत्री भूपेंद्र  पटेल के नेतृत्व में गुजरात भी कृषि और सहकारिता को साथ लाने के लिए कई प्रयत्न कर रहा है क्योंकि हमारी नीति सदैव ‘फार्मर फर्स्ट’ की रही है”।   

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मंत्री ने सहकारिता के क्षेत्र में राज्य की उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “गुजरात में तकरीबन 85000 से ज्यादा सहकारी समितियां कार्यरत है जिसमें एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा सभासद जुड़े हुए हैं। गुजरात में सहकारी ढांचे की बदौलत गुजरात के किसानों को 0% ब्याज पर अल्पकालिक कृषि ऋण मिल रहा है जिसका फायदा लाखों किसानों को हो रहा है यही है सरल और सक्षम सहकारिता।

गुजरात के दुग्ध क्षेत्र में अमूल के योगदान के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, “अमूल का वार्षिक टर्नओवर 62,000 करोड़ है और गुजरात की लाखों महिला पशुपालक अमूल की नींव हैं जो सहकारिता के क्षेत्र में "नारी सशक्तिकरण" का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। आज अमूल पूरे देश और विश्व के लिए रोलमोडल है”। 

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सहकारिता के क्षेत्र में गुजरात की भविष्य की नीतियों पर बात करते हुए माननीय मंत्री ने बताया कि इसी साल फरवरी में हुए सहकारिता विभाग के चिंतन शिविर में अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श करके एक रोडमैप तैयार किया गया है जिसके तहत गुजरात का सहकारी क्षेत्र परंपरागत ढांचे से ऊपर उठकर नई सोच के साथ नई सहकारिता प्रस्थापित करने का प्रयास कर रहा है। पूरे एशिया में सबसे पहले रजिस्टर हुइ "ढुंढी सौर उर्जा उत्पादक सहकारी समिति" गुजरात के खेड़ा ज़िले में है। गोबर उत्पादक सहकारी समिति, घरेलू गैस सहकारी समिति, चाइल्ड केयर सहकारी समिति, कम्प्यूटर जॉब वर्क सहकारी समिति जैसी कई इनोवेटिव सहकारी समितियां गुजरात में सहकारी क्षेत्रको नए आयाम दे रही है। गुजरात में हर क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए सहकारिता एक बड़ा प्लेटफार्म बनी है जो उनकी शक्तियों को ट्रांसफॉर्म  करके उनके विकास को कन्फर्म कर रही है। 

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