Bangalore South में BJP का गढ़ बचा लेंगे Tejasvi Surya या Congress की Sowmya Reddy इस बार मारेंगी बाजी?
जहां तक बेंगलुरु दक्षिण संसदीय सीट की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि यहां भाजपा बेहद मजबूत है। आठ विधानसभा क्षेत्रों में फैला बेंगलुरु दक्षिण 1991 से भाजपा का गढ़ रहा है। 2023 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने इस संसदीय क्षेत्र की पांच और कांग्रेस ने तीन में जीत हासिल की थी।
प्रभासाक्षी की चुनाव यात्रा जब कर्नाटक के दौरे पर पहुँची तो हमने सबसे पहले भाजपा के गढ़ बेंगलुरु दक्षिण संसदीय सीट का दौरा किया क्योंकि यहां से कांग्रेस ने इस बार भाजपा के निवर्तमान सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ एक युवा चेहरे को अवसर दिया है। भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या को जब 2019 में पहली बार लोकसभा का टिकट दिया गया था तब बहुत से लोगों को हैरानी हुई थी। उस समय स्वर्गीय अनंत कुमार की पत्नी अपने पति के संसदीय क्षेत्र बेंगलुरु दक्षिण से उम्मीदवारी चाह रहीं थीं और उनके नाम का प्रस्ताव कर्नाटक प्रदेश भाजपा ने भी किया था लेकिन आलाकमान ने तेजस्वी सूर्या के रूप में एक नया चेहरा चुन लिया। तेजस्वी के नाम पर कर्नाटक इकाई में जब मतभेद की खबरें सामने आई थीं तो खुद अमित शाह उनके चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए आ गये जिससे पूरी पार्टी तेजस्वी के साथ खड़ी हो गयी और उन्होंने रिकॉर्डतोड़ मतों से जीत हासिल की। इस बार तेजस्वी सूर्या एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं और उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार सौम्या रेड्डी से होगा। 41 साल की सौम्या राज्य सरकार में मंत्री रामलिंगा रेड्डी की बेटी हैं। वह पहले बेंगलुरु दक्षिण संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले जयनगर में विधायक रह चुकी हैं। वह पिछले साल विधानसभा चुनाव में मात्र 16 वोटों से हार गयी थीं।
जहां तक बेंगलुरु दक्षिण संसदीय सीट की बात है तो इसमें कोई दो राय नहीं कि यहां भाजपा बेहद मजबूत है। आठ विधानसभा क्षेत्रों में फैला बेंगलुरु दक्षिण 1991 से भाजपा का गढ़ रहा है। 2023 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने इस संसदीय क्षेत्र की पांच और कांग्रेस ने तीन में जीत हासिल की थी। हम आपको बता दें कि 1977 के बाद से कांग्रेस यहां केवल एक बार जीत पाई है जब पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत आर गुंडू राव 1989 के चुनाव में विजयी हुए थे। महत्वपूर्ण ब्राह्मण आबादी वाले इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व ज्यादातर इसी समुदाय के सदस्यों द्वारा किया गया है। हमने भी जब यहां के लोगों से बातचीत की तो एक चीज उभर कर आई कि जनता मोदी के नाम पर वोट करने जा रही है। तेजस्वी सूर्या के प्रति लोगों का सकारात्मक रुख था लेकिन उससे भी ज्यादा इस बात पर लोगों का जोर था कि देश का प्रधानमंत्री एक बार फिर नरेंद्र मोदी को बनना चाहिए।
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तेजस्वी सूर्या एक बार फिर अपनी बड़ी जीत के प्रति आश्वस्त हैं तो दूसरी ओर कर्नाटक में सत्तारुढ़ कांग्रेस ने सौम्या के पीछे अपनी पूरी ताकत लगा दी है और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार कांग्रेस उम्मीदवार की चुनावी संभावनाओं को बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कांग्रेस अपनी पांच गारंटियों पर भारी भरोसा कर रही है और परिवहन मंत्री की बेटी होने के नाते सौम्या इस बात पर प्रकाश डालती हैं कि कैसे 'शक्ति' गारंटी ने महिलाओं को राज्य भर में गैर-लक्जरी सरकारी बसों में मुफ्त यात्रा करने की सुविधा दी है। प्रचार के दौरान सौम्या लोगों को चार अन्य गारंटी 'गृह लक्ष्मी', 'गृह ज्योति', 'युवा निधि' और 'अन्न भाग्य' के बारे में भी बता रही हैं।
दूसरी ओर, भाजपा उम्मीदवार तेजस्वी सूर्या मतदाताओं के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं और इस दौरान पिछले दस वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश द्वारा की गई प्रगति को रेखांकित कर रहे हैं और विकसित भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए मोदी के नाम पर वोट मांग रहे हैं। तेजस्वी सूर्या अपनी सभाओं में मतदाताओं को बता रहे हैं कि कैसे दस साल पहले भारत को दुनिया की सबसे नाजुक अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था लेकिन अब देश को दुनिया की सबसे तेज गति से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था के रूप में देखा जाता है। हम आपको बता दें कि तेजस्वी के लिए भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ता भी सोशल मीडिया से लेकर गलियों तक में प्रचार करने में जुटे हुए हैं। इसके अलावा आरएसएस के आनुषांगिक संगठन भी भाजपा उम्मीदवारों की जीत के लिए अपने-अपने स्तर पर बैठकें कर मतदाताओं से संपर्क कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चार लोकसभा सीटों वाले बेंगलुरु में 26 अप्रैल को मतदान होगा और नतीजे 4 जून को घोषित होंगे। कर्नाटक की 28 सीटों पर 26 अप्रैल और 7 मई को दूसरे और तीसरे चरण के दौरान चुनाव होंगे।
-नीरज कुमार दुबे
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