2002 Gujarat Riots: तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से फिर मिली राहत, अंतरिम सुरक्षा की अवधि 19 जुलाई तक बढ़ा दी गई
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश पर 19 जुलाई तक रोक लगा दी, जिसमें उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के मामले में सबूत गढ़ने में कथित भूमिका के संबंध में कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड को दी गई अंतरिम सुरक्षा बुधवार को बढ़ा दी। मामले पर अगली सुनवाई 19 जुलाई को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट के उस आदेश पर 19 जुलाई तक रोक लगा दी, जिसमें उन्हें तुरंत आत्मसमर्पण करने के लिए कहा गया था।
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न्यायमूर्ति बीआर गवई, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और दीपांकर दत्ता की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों वाली एससी पीठ ने दोपहर करीब 12.30 बजे गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगा दी। 2002 के गुजरात दंगों के संबंध में उच्च सरकारी अधिकारियों को फंसाने के लिए कथित रूप से फर्जी दस्तावेज तैयार करने के आरोप में गुजरात पुलिस द्वारा तीस्ता सीतलवाड के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
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मामला क्या है?
तीस्ता सीतलवाड और पूर्व शीर्ष पुलिस आरबी श्रीकुमार को कथित तौर पर सबूत गढ़ने, जालसाजी करने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। 2002 के गुजरात दंगों के मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद सितंबर 2022 में तीस्ता को गुजरात की साबरमती जेल से रिहा कर दिया गया था।
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