Supreme Court on CM Kejriwal Bail Plea: केजरीवाल की रिहाई, SC में सुनवाई? सिंघवी ने क्या नया दावा कर दिया
मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच कर रही है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी शीर्ष अदालत में केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत की मांग और कथित उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। मामले की सुनवाई जस्टिस सूर्यकांत और उज्ज्वल भुइयां की बेंच कर रही है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी शीर्ष अदालत में केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।
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कोर्ट में वकील सिंघवी की दलीलें
शीर्ष अदालत में दिल्ली के सीएम की ओर से बहस करते हुए सिंघवी ने कहा कि यह सीबीआई द्वारा की गई 'बीमा गिरफ्तारी' थी जो दो साल से नहीं हुई थी। न्यायमूर्ति कांत ने पूछा कि कथित अपराध क्या है? इस पर सिघवी ने कहा कि एफआईआर में मेरा नाम नहीं है। एफआईआर दर्ज होने के करीब 8 महीने बाद अप्रैल 2023 में मुझे गवाह के तौर पर पूछताछ के लिए बुलाया गया था। सिंघवी ने आगे कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है और उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। सिंघवी ने पीठ को यह भी बताया कि केजरीवाल का नाम सीबीआई की एफआईआर में नहीं है और इस बात पर जोर दिया कि उनके भागने का खतरा नहीं है। सिंघवी ने आगे बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत दी थी, तो उसने कहा था कि मुख्यमंत्री ने समाज के लिए कोई खतरा पैदा नहीं किया है। उन्होंने कहा, ''अगस्त, 2023 में जो शुरू हुआ, उसके कारण इस साल मार्च में मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी हुई,'' उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत और एक निचली अदालत पहले ही उन्हें जमानत दे चुकी है।
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सीबीआई ने एससी में जवाबी हलफनामा दाखिल किया
23 अगस्त को शीर्ष अदालत ने सीबीआई को मामले में अपना जवाबी हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी, जबकि केजरीवाल को प्रत्युत्तर दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने मामले में जमानत से इनकार करने और सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। वह दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 अगस्त के आदेश का विरोध कर रहे हैं जिसने उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखा था। 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा था। इससे पहले, 5 अगस्त को दिल्ली हाई कोर्ट ने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध करार देते हुए इसे बरकरार रखा था और सीबीआई की कार्रवाई में कोई दुर्भावना नहीं पाई थी।
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