सुमित्रा महाजन बोलीं, धरना-प्रदर्शनों के जरिये CAA को नहीं कराया जा सकता निरस्त
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सीएए उस सरकार ने बनाया है जिसे मतदाताओं ने दो तिहाई बहुमत दिया है। संविधान के प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकारें ऐसा नहीं कह सकतीं कि वे केंद्र के बनाये किसी विशेष कानून को नहीं मानेंगी।
इंदौर (मध्यप्रदेश)। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के अलग-अलग इलाकों में जारी आंदोलनों को अनुचित बताते हुए पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे धरना-प्रदर्शनों से यह कानून निरस्त नहीं कराया जा सकता। महाजन ने यहां भाजपा की एक सभा में कहा, सीएए के खिलाफ चल रहे धरने-प्रदर्शन सरासर गलत हैं। ऐसे धरना-प्रदर्शनों से इस कानून को निरस्त नहीं कराया जा सकता।
प्रदेश सरकार द्वारा भयभीत कर अवैध वसूली के ख़िलाफ़ शाजापुर में सांसद श्री महेंद्र सोलंकी के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन एवं कलेक्ट्रेट का घेराव किया #भेदभावी_काँग्रेस pic.twitter.com/phQ4OXUNBQ
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) January 24, 2020
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा, अगर तुम्हें (सीएए विरोधियों को) इस कानून में कुछ गलत लगता है, तो तुम उच्चतम न्यायालय जा सकते हो। शीर्ष अदालत का निर्णय सबके लिये मान्य होगा। लेकिन राजनेताओं द्वारा सीएए के खिलाफ आम लोगों को भड़काना बिल्कुल गलत है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सीएए उस सरकार ने बनाया है जिसे मतदाताओं ने दो तिहाई बहुमत दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘संविधान के प्रावधानों के मुताबिक राज्य सरकारें ऐसा नहीं कह सकतीं कि वे केंद्र के बनाये किसी विशेष कानून को नहीं मानेंगी।’’
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महाजन ने सीएए के समर्थन में राजगढ़ जिले में रैली निकाल रहे भाजपा कार्यकर्ताओं को कलेक्टर निधि निवेदिता समेत दो महिला प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा थप्पड़ मारे जाने की हालिया घटना की आलोचना भी की। उन्होंने दोनों महिला अधिकारियों के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा, देश की महिलाएं सेना में भर्ती होकर दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ रही हैं। लेकिन उन्हें हर जगह झांसी की रानी नहीं बनना चाहिये।
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