आरोपी नं 1 और 2 कौन? 5 हजार करोड़ रुपए बनाने की पूरी कहानी, National Herald Case की चार्जशीट की हैरान करने वाली जानकारी

ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी जांच तब शुरू की जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2014 में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सोनिया, राहुल और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर महज 50 लाख रुपये में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया था। इन संपत्तियों की कीमत 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। आरोपपत्र में कांग्रेस के दोनों शीर्ष नेताओं को आरोपी नंबर 1 और नंबर 2 के तौर पर नामित किया गया है। यह पहली बार है जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में 9 अप्रैल को दाखिल किए गए आरोपपत्र की समीक्षा विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने की। इसमें गांधी के वफादार और कांग्रेस के ओवरसीज प्रमुख सैम पित्रोदा और सुमन दुबे का भी नाम है। अदालत ने संज्ञान तर्कों की सुनवाई 25 अप्रैल के लिए निर्धारित की है।
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नेशनल हेराल्ड मामला क्या है?
ईडी ने नेशनल हेराल्ड मामले में अपनी जांच तब शुरू की जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2014 में एक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें सोनिया, राहुल और अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं पर महज 50 लाख रुपये में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड की संपत्ति हड़पने का आरोप लगाया गया था। इन संपत्तियों की कीमत 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा है। यह मामला यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड (YIL) के रोज़मर्रा के कामकाज से जुड़ा है। सोनिया और राहुल से YIL के गांधी परिवार के स्वामित्व और नेशनल हेराल्ड अख़बार चलाने वाली कंपनी AJL में इसके शेयरहोल्डिंग पैटर्न के बारे में पूछताछ की जा रही है। सोनिया और राहुल गांधी दोनों के पास यंग इंडियन में 38 प्रतिशत की हिस्सेदारी है, जिससे वे इसके बहुसंख्यक शेयरधारक बन गए हैं।
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सोनिया और राहुल के खिलाफ क्या आरोप हैं?
मां-बेटे के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज किए गए हैं। जांच एजेंसी ने पीएमएलए की धारा 44 और 45 के तहत सोनिया और राहुल पर अधिनियम की धारा 3 के तहत धन शोधन का आरोप लगाया है। अधिनियम की धारा 70, जो कंपनियों द्वारा फर्मों के पदाधिकारियों और अधिकारियों की प्रतिरूपी देयता स्थापित करने के लिए अपराधों से संबंधित है, को भी लागू किया गया है।
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दाखिल चार्जशीट की देखिए पूरी जानकारी
ईडी ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल ने नेशनल हेराल्ड के प्रकाशक एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्ति हड़पने के लिए आपराधिक साजिश रची, जिसके तहत उन्होंने 99% शेयर सिर्फ 50 लाख रुपये में बेच दिए। संपत्तियां यंग इंडियन नामक एक निजी फर्म ने खरीदीं, जिसका नियंत्रण सोनिया गांधी और राहुल के पास है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार संपत्ति का मौजूदा बाजार मूल्य अब 5,000 करोड़ रुपये है और ईडी ने अपराध की आय की पहचान 988 करोड़ रुपये की है। एजेएल की स्थापना भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने की थी। ईडी की चार्जशीट में सोनिया को आरोपी नंबर 1 और राहुल को आरोपी नंबर 2 बनाया गया है। 25 अप्रैल को एक विशेष अदालत चार्जशीट पर संज्ञान लेने पर फैसला करेगी। ईडी ने पीएमएलए की धारा 4 के तहत सोनिया, राहुल और अन्य आरोपियों के लिए सजा की मांग की है, जिसमें जेल की अवधि सात साल तक हो सकती है। यह मामला एक ट्रायल कोर्ट के आदेश पर आधारित है, जिसने आयकर विभाग को नेशनल हेराल्ड के मामलों की जांच करने और गांधी परिवार का कर निर्धारण करने की अनुमति दी थी। ट्रायल कोर्ट का यह आदेश पूर्व मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा 2013 में दायर याचिका पर आया था।
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