Vanakkam Poorvottar: Tamilnadu में Dalits पर अत्याचारों के विरोध में उतरी BJP, DMK ने किया पलटवार

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ANI

तमिलनाडु की राजनीति में द्रमुक और भाजपा की भिड़ंत की। हम आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार हो रहे हैं और द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में राजनीतिक नेता भी सुरक्षित नहीं हैं।

वणक्कम पूर्वोत्तर। प्रभासाक्षी की इस खास पेशकश में हम हर सप्ताह आपको बताएंगे पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत से क्या बड़ी सुर्खियां रहीं और उनमें से एक सबसे बड़ी खबर जोकि आगे चलकर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकती है उस पर विस्तार से चर्चा करेंगे। इस क्रम में आइये सबसे पहले डालते हैं एक नजर पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत की कुछ सुर्खियों पर।

- असम में नहीं सुधरे हालात, बाढ़ से लगभग 14 लाख लोग प्रभावित

- माता-पिता, सास-ससुर के साथ समय बिताने के लिए कर्मचारियों को विशेष छुट्टी देगी असम सरकार

- असम सरकार 35,000 रिक्तियों को अगले साल अप्रैल तक भरेगी: हिमंत बिस्व सरमा का ऐलान

- केरल के विझिंजम अंतरराष्ट्रीय ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह पर पहुंचा चीन का मालवाहक जहाज, भारत के सबसे बड़े ‘ट्रांसशिपमेंट बंदरगाह’ पर पहली बार इस तरह के जहाज की आमद हुई है।

- कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि राहुल गांधी की गारंटी को पूरा करने के लिए कर्नाटक सरकार द्वारा एससी, एसटी कल्याण निधि का इस्तेमाल किया जा रहा है जोकि संविधान का उल्लंघन है।

- केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने लगाया तमिलनाडु में दलितों के ‘व्यापक उत्पीड़न’ का आरोप, मुख्यमंत्री स्टालिन ने किया पलटवार

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बहरहाल, आइये बात करते हैं तमिलनाडु की राजनीति में द्रमुक और भाजपा की भिड़ंत की। हम आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री एल. मुरुगन ने आरोप लगाया है कि तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अत्याचार हो रहे हैं और द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में राजनीतिक नेता भी सुरक्षित नहीं हैं। मुरुगन ने इस सप्ताह भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया, ‘‘मई 2021 में द्रमुक के सत्ता में आने के बाद तमिलनाडु में दलितों के खिलाफ अत्याचारों में जबरदस्त वृद्धि हुई है।'' उन्होंने कहा कि एक सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य में हर साल दलितों के खिलाफ अत्याचार के 2,000 से अधिक मामले दर्ज किए जाते हैं।’’ उन्होंने 2022 से दलितों के खिलाफ कथित अत्याचार की घटनाओं और राज्य में भाजपा नेताओं पर हमले और हत्या की कुछ घटनाओं का जिक्र करते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री एमके स्टालिन की ‘‘पूर्ण विफलता’’ को जिम्मेदार ठहराया। मुरुगन ने कहा, ‘‘हाल ही में दलित नेता और बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के. आर्मस्ट्रांग की हत्या कर दी गई।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि द्रमुक सरकार के शासन में राज्य में ‘‘राजनीतिक नेता भी सुरक्षित नहीं हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अनुसूचित जाति के नेताओं और लोगों की कोई सुरक्षा नहीं है। द्रमुक सरकार में उन्हें उत्पीड़न का सामना करना पड़ रहा है।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अप्रैल 2023 में तमिलनाडु भाजपा के कोषाध्यक्ष शंकर की हत्या कर दी गई, उसके बाद अगस्त 2023 में एक छात्र की "क्रूर हत्या" की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि एक अन्य घटना में एक स्थानीय द्रमुक पदाधिकारी ने भाजपा तमिलनाडु युवा शाखा के नेता जगन पांडियन पर "घातक हमला" किया। मुरुगन ने कहा कि द्रमुक का दावा है कि वह सामाजिक न्याय की प्रणेता है, लेकिन सत्तारुढ़ पार्टी राज्य में सामाजिक न्याय के विचार का पालन नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु अस्पृश्यता उन्मूलन मोर्चा द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 22 गांवों में पंचायत अध्यक्षों को जातिगत भेदभाव के कारण कुर्सी नहीं दी गई और उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करने से रोका गया। केंद्रीय मंत्री ने आरोप लगाया, "स्टालिन को राज्य में दलितों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के कारण सामाजिक न्याय के बारे में बात करने का नैतिक अधिकार नहीं है।" 

भाजपा की तमिलनाडु इकाई के पूर्व अध्यक्ष मुरुगन ने द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की सहयोगी कांग्रेस पर भी निशाना साधा और राज्य में हाल ही में हुई जहरीली शराब त्रासदी पर उसकी चुप्पी पर सवाल उठाया। उन्होंने आरोप लगाया, "कल्लाकुरिची में हुई उस घटना में करीब 70 लोग मारे गए थे। उनमें से 40 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के थे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी वहां नहीं गए।" मुरुगन ने सवाल किया, "राहुल गांधी हाथरस और अन्य स्थानों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन वह तमिलनाडु का रास्ता क्यों भूल गए?"

दूसरी ओर, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि केंद्र में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तमिलनाडु में बार-बार चुनावी तौर पर शिकस्त खाने के बावजूद कोई सबक नहीं सीखा है। उन्होंने साथ ही भाजपा पर राज्य में प्रमुख परियोजनाओं के लिए धनराशि मंजूर नहीं करने का आरोप लगाया। स्टालिन ने आरोप लगाया कि जनता के लिए समर्पित कार्य विपक्षी दलों के लिए ईर्ष्या पैदा कर रहे हैं और इसीलिए वे 'दुष्प्रचार' के माध्यम से राज्य सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए है, चाहे उन्होंने द्रमुक को वोट दिया हो या नहीं, दूसरों में ऐसी उदारता नहीं देखी जा सकती।

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