Prabhasakshi NewsRoom | राहुल-प्रियंका-अखिलेश के चुनावी नारों पर स्मृति ईरानी का कटाक्ष, खुर्शीद को भी लिया आड़े हाथ
हम आपको बता दें कि कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को खड़ा करने की पिछले महीने घोषणा करते हुए ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया था।
नमस्कार। न्यूजरूम में आप सभी का स्वागत है। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही नेताओं के बीच जुबानी जंग तेज हो गयी है। अमेठी संसदीय क्षेत्र से राहुल गांधी को हार का स्वाद चखाने वालीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के नारे ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ को लेकर जबरदस्त कटाक्ष किया है। स्मृति ईरानी ने इस नारे के जवाब में कहा है, ‘‘घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता।’’ स्मृति ईरानी ने एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को लेकर भी व्यंग्य किया। स्मृति ईरानी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश में चुनाव विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा और हम उम्मीद करते हैं कि नीति एवं विकास और लोकतंत्र को मजबूत करने पर विचार विमर्श होगा।’’
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हम आपको बता दें कि प्रियंका वाड्रा ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में 40 प्रतिशत सीटों पर महिला उम्मीदवारों को खड़ा करने की पिछले महीने घोषणा करते हुए ‘‘लड़की हूं, लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया था। इस नारे का जिक्र करते हुए ईरानी ने कहा कि इसका अर्थ हुआ कि ‘‘घर पर लड़का है, पर लड़ नहीं सकता।’’ केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री ने महिला उम्मीदवारों को 40 फीसदी टिकट देने के प्रियंका गांधी के प्रस्ताव पर पलटवार करते हुए कहा, ‘‘इसका अर्थ यह है कि वह कह रही हैं कि वह महिलाओं को 60 प्रतिशत टिकट नहीं देना चाहतीं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह नहीं कह रही कि राजनीति और लोकतंत्र में लोगों को कोशिश नहीं करनी चाहिए। जीत और हार राजनीति का हिस्सा है। मैं भी 2014 में हार गई थी लेकिन सवाल यह है कि लोगों का आपके प्रयासों पर कितना विश्वास है।’’ स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘क्या लोगों में उस व्यक्ति को लेकर भी यह भावना है?’’ उन्होंने कहा कि महिला नेताओं से यह अपेक्षा नहीं करनी चाहिए कि वे केवल समाज की महिला सदस्यों के लिए ही काम करेंगी। यह सवाल पूछे जाने पर कि क्या भाजपा ध्रुवीकरण के फार्मूले पर काम करती है, उन्होंने कहा, ‘‘क्या आपको लगता है कि इस देश के नागरिक राजनीतिक विश्लेषण नहीं कर सकते और वह किसी फॉर्मूले के कारण वोट देंगे?’’
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हम आपको याद दिला दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गत 31 अक्टूबर को हरदोई में एक कार्यक्रम में कहा था कि महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू और मोहम्मद अली जिन्ना बैरिस्टर बने तथा देश की आजादी के लिए संघर्ष किया और कभी इससे पीछे नहीं हटे। अखिलेश यादव के इस बयान पर स्मृति ईरानी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि यह तुलना फिर से दिखाती है कि ‘‘लड़के हैं, लड़ नहीं सकते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरदार पटेल अतुलनीय हैं। पांच सौ रियासतों में एकता की भावना जगाने का श्रेय सरदार पटेल को जाता है। आप कल्पना कर सकते हैं कि उनका व्यक्तित्व कितना 'विराट' रहा होगा।’’ ईरानी ने कहा, ‘‘क्या आप उस व्यक्ति की तुलना उस सज्जन (जिन्ना) से कर सकते हैं, जिन्होंने कहा था कि चलिए, धर्म के आधार पर हम देश को विभाजित करते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक ने देश को एकजुट करने की दिशा में काम किया जबकि दूसरे ने इसे तोड़ने की दिशा में काम किया।’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तुलना आईएसआईएस और बोको हरम से करने वाली सलमान खुर्शीद की हालिया किताब को लेकर स्मृति ईरानी ने कहा कि उन्होंने (खुर्शीद ने) 15 साल पहले भी एक किताब लिखी थी जिसमें उन्होंने कहा था कि 1984 के दंगों में हिंदुओं और सिखों ने अपने पापों का भुगतान किया था। स्मृति ईरानी ने ‘‘हिंदुत्व पर किसी एक दल नहीं, बल्कि हर किसी का अधिकार होने’’ संबंधी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बयान पर कहा कि अवसरवादी हिंदू या राजनीतिक हिंदू और 'सनातन' हिंदुओं के बीच अंतर है।
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