बंगाल के 'बेदाग' शिक्षकों को SC से बड़ी राहत, जिनका नाम स्कैम में नहीं, नई प्रक्रिया पूरी होने तक पढ़ा सकते हैं

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ANI
अभिनय आकाश । Apr 17 2025 6:28PM

अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को 31 मई तक नया भर्ती अभियान शुरू करने और 31 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, हम वर्तमान आवेदन में प्रार्थना को स्वीकार करने के लिए इच्छुक हैं क्योंकि यह कक्षा IX-X और कक्षा XI-XII के सहायक शिक्षकों से संबंधित है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि शीर्ष अदालत के आदेश के बाद अपनी नौकरी गंवाने वाले ‘बेदाग’ सहायक शिक्षक पढ़ाना जारी रख सकते हैं। कोर्ट ने कहा कि यह फैसला छात्रों के हित में लिया गया है। अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को 31 मई तक नया भर्ती अभियान शुरू करने और 31 दिसंबर तक प्रक्रिया पूरी करने का भी निर्देश दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने कहा, हम वर्तमान आवेदन में प्रार्थना को स्वीकार करने के लिए इच्छुक हैं क्योंकि यह कक्षा IX-X और कक्षा XI-XII के सहायक शिक्षकों से संबंधित है। 

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यह आदेश केवल सहायक अध्यापकों पर लागू होगा, क्योंकि पीठ ने कहा कि ग्रुप सी और डी की भर्तियों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई थी। 3 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने स्कूल सेवा आयोग द्वारा 2016 की भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं पाए जाने के बाद राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,000 से अधिक शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अवैध करार दिया था। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार की अगुवाई वाली पीठ ने निष्कर्ष निकाला था कि विचाराधीन भर्ती प्रक्रिया में बुनियादी तौर पर खामियां थीं।

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अपने फैसले में अदालत ने कहा था कि भर्ती प्रक्रिया में हेराफेरी ने नियुक्तियों की ईमानदारी को इस हद तक प्रभावित किया है कि उन्हें बरकरार नहीं रखा जा सकता। न्यायाधीशों ने इस बात पर जोर दिया कि पूरी चयन प्रक्रिया दूषित और दागी थी, जिससे नियुक्तियां अमान्य हो गईं। नौकरी गंवाने वाले कई लोगों ने दावा किया कि उनकी दुर्दशा का कारण स्कूल सेवा आयोग, जिसने उन्हें नियुक्त किया था, की यह अक्षमता थी कि वह धोखाधड़ी से नौकरी पाने वाले उम्मीदवारों और धोखाधड़ी से नौकरी न पाने वाले उम्मीदवारों के बीच अंतर कर सके।

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