Kerala में टूट रहे भ्रष्टाचार के सब रिकॉर्ड, CM Vijayan की बेटी Veena के Corruption Case से राज्य की राजनीति में आया बड़ा तूफान
हम आपको बता दें कि यह सब हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि केरल के मुख्यमंत्री की बेटी पर गंभीर आरोप लगे हैं। केरल के मुख्यमंत्री कहने को वामपंथी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया उससे बड़ा उदाहरण वामपंथ के इतिहास में देखने को नहीं मिलता।
केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगे लेकिन भ्रष्टाचार मिटाने की बजाय, भ्रष्टाचारियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुँचाने की बजाय, भ्रष्ट अधिकारियों को कार्यालय से बाहर का रास्ता दिखाने की बजाय मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन सिर्फ जनता का ध्यान भटकाने का काम करते हैं। हाल ही में उन्होंने देश में समान नागरिक संहिता नहीं लागू करवाने का प्रस्ताव विधानसभा से पास करवाया, उसके बाद उन्होंने केरल राज्य का नाम बदल कर केरलम करने का प्रस्ताव पास करवाया लेकिन सवाल यह है कि वह यह प्रस्ताव कब पारित करवाएंगे कि भ्रष्टाचारियों को तत्काल सजा मिले और भ्रष्टाचारी चाहे मुख्यमंत्री का रिश्तेदार हो तो भी उसे बख्शा नहीं जाये। हम आपको बता दें कि यह सब हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि केरल के मुख्यमंत्री की बेटी पर गंभीर आरोप लगे हैं। केरल के मुख्यमंत्री कहने को वामपंथी हैं लेकिन जिस तरह उन्होंने परिवारवाद और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया उससे बड़ा उदाहरण वामपंथ के इतिहास में देखने को नहीं मिलता।
हम आपको बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी के खिलाफ एक कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है जिससे राज्य की राजनीति में तूफान आ गया है। विजयन की बेटी पर आरोप लगा है कि वह 1.7 करोड़ रुपये के संदिग्ध वित्तीय लेन-देन में शामिल थीं। विजयन की बेटी टी वीणा पर आरोप लगाया गया है कि उन्हें कोच्चि स्थित एक निजी कंपनी ने तीन साल नौकरी करने के लिए पैसे दिए, जबकि उन्होंने उस कंपनी को कोई सेवा प्रदान नहीं की थी। हम आपको बता दें कि मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक आयकर विभाग की जांच के बाद ये मामला सामने आया।
इसे भी पढ़ें: Kerala विधानसभा में UCC के खिलाफ प्रस्ताव पास, सीएम विजयन बोले- यह संविधान नहीं, मनुस्मृति पर आधारित
इस बीच, विपक्षी भाजपा ने इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगा है। विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने मुख्यमंत्री के साथ ही कांग्रेस को भी घेरा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में नहीं उठाने का जो निर्णय लिया है वह केरल में सत्ता पक्ष और मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस की आपसी मिलीभगत को प्रदर्शित करता है। उन्होंने कहा कि यह दोनों दल जनता को बेवकूफ समझते हैं इसलिए बाहर आपस में लड़ते हैं जबकि अंदरखाने ये आपस में मिले हुए हैं और एक दूसरे के भ्रष्टाचार को छिपाते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में जबकि केरल विधानसभा का सत्र चल रहा है तो इस मुद्दे को वहां उठाया जाना चाहिए था।
दूसरी ओर, केरल भाजपा प्रभारी और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि केरल के मुख्यमंत्री कार्यालय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगातार लग रहे हैं लेकिन राज्य सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि अब मुख्यमंत्री की बेटी पर जो आरोप लगा है वह काफी गंभीर है और दर्शाता है कि राज्य में भ्रष्टाचार किस तरह चरम पर पहुँच चुका है।
अन्य न्यूज़