'राजनीतिक लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं BJP, कर रही जांच एजेंसियों का इस्तेमाल', लालू-तेजस्वी के खिलाफ जांच पर RJD का आरोप

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ANI
अंकित सिंह । Sep 20 2024 4:32PM

बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये पीएम मोदी की सरकार है। आपको यहां कानून का सामना करना होगा। सामाजिक न्याय की बात करने वालों ने अपने समुदाय के बाहर किसी को रेलवे में नौकरी नहीं दी और अगर उन्होंने ऐसा किया भी, तो उन्होंने बदले में ज़मीन या पैसा मांगा।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नौकरी के बदले जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी। मंत्रालय ने संबंधित मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की अंतिम चार्जशीट पर लालू के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। यह घटनाक्रम तब सामने आया है जब बुधवार, 18 सितंबर को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव सहित कई सदस्यों को समन जारी किया। हालांकि, इसको लेकर सियासत तेज हो गई है। राजद ने भाजपा और केंद्र सरकरा पर बड़ा आरोप लगया है। 

राजद नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बार-बार कह रहे थे कि जैसे-जैसे बिहार में चुनाव नजदीक आएगा, जांच एजेंसियां ​​सक्रिय हो जाएंगी। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा राजनीतिक लड़ाई लड़ने में सक्षम नहीं है इसलिए वे आईटी, ईडी, सीबीआई और अन्य जांच एजेंसियों को आगे कर रही है। उन्होंने कहा कि जो मामले बंद हो गए हैं उन्हें खोला जा रहा है। जनता सब देख रही है। यह साबित हो गया है कि सीबीआई बीजेपी का तोता (कठपुतली) बन गई है। 

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बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि ये पीएम मोदी की सरकार है। आपको यहां कानून का सामना करना होगा। सामाजिक न्याय की बात करने वालों ने अपने समुदाय के बाहर किसी को रेलवे में नौकरी नहीं दी और अगर उन्होंने ऐसा किया भी, तो उन्होंने बदले में ज़मीन या पैसा मांगा। दिल्ली की एक अदालत ने नौकरी के बदले जमीन से जुड़े धन शोधन के मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद, उनके बेटे एवं बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद एवं अन्य को बुधवार को तलब किया है। 

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विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने आरोपियों को सात अक्टूबर को अदालत के समक्ष पेश होने का निर्देश दिया। न्यायाधीश ने आरोपियों के खिलाफ दाखिल पूरक आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए यह आदेश जारी किया। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छह अगस्त को अदालत के समक्ष अंतिम रिपोर्ट पेश की थी। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर प्राथमिकी के आधार पर यह मामला दर्ज किया था। ईडी ने कहा कि मामला मध्य प्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। ये नियुक्तियां लालू प्रसाद के 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थीं।

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