'Red Light on-Gaadi off' कैंपेन की हुई दिल्ली में शुरुआत, प्रदषण रोकने के लिए खास पहल

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रितिका कमठान । Oct 22 2024 11:35AM

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बायोमास जलाना, धूल और वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन है। इसे दूर करने के लिए "रेड लाइट ऑन - गाड़ी ऑफ" अभियान शुरू किया गया है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) सरकार बढ़ते प्रदूषण संकट से निपटने के लिए कदम उठा रही है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए लगातार राजनीति भी बढ़ रही है। भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है। इसी बीच दिल्ली में प्रदूषण रोकने के प्रयास के मद्देनजर दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को "रेड लाइट ऑन-गाड़ी ऑफ" अभियान की शुरुआत की। आईटीओ चौराहे पर अभियान की शुरुआत करते हुए दिल्ली के पर्यावरण मंत्री ने वाहन चालकों से अपील की कि वे लाल बत्ती पर अपने वाहनों के इंजन बंद करके प्रदूषण कम करने में मदद करें।

दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के कार्यालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का मुख्य कारण बायोमास जलाना, धूल और वाहनों से निकलने वाला उत्सर्जन है। इसे दूर करने के लिए "रेड लाइट ऑन - गाड़ी ऑफ" अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि पंजाब ने पराली जलाने की घटनाओं में कमी की है, लेकिन हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने पर्याप्त कार्रवाई नहीं की है और वहां घटनाएं जारी हैं, जिससे दिल्लीवासियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।

पर्यावरण मंत्री ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की कड़ी मेहनत के कारण प्रदूषण के स्तर में लगभग 34.6 प्रतिशत की कमी आई है। प्रदूषण के खिलाफ इस लड़ाई में दिल्ली एक बार फिर तैयार है।" मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली सरकार ने प्रदूषण से निपटने के लिए ग्रीन वॉर रूम बनाया है, धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एंटी-डस्ट अभियान शुरू किया है और पराली को सड़ाने के लिए 5,000 एकड़ से ज़्यादा क्षेत्र में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जा रहा है। इन प्रयासों के तहत अब 'रेड लाइट ऑन - गाड़ी ऑफ' अभियान शुरू किया जा रहा है।

दिल्ली के मंत्री ने कहा कि दिल्ली के लोगों को न केवल शहर के अंदर बल्कि बाहर से आने वाले प्रदूषण से भी जूझना पड़ता है, जिससे शहर का प्रदूषण स्तर दोगुना हो जाता है। उन्होंने कहा, "दिल्ली में हम वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए सीएनजी और इलेक्ट्रिक बसें चला रहे हैं, जबकि दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश से आने वाली हजारों डीजल बसें आनंद विहार में प्रदूषण फैला रही हैं।"

उन्होंने आगे कहा, "उत्तर प्रदेश सरकार से प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया जाता है। पंजाब सरकार के प्रयासों के कारण पराली जलाने की घटनाओं में कमी आई है, जबकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सरकारें इस संबंध में आवश्यक प्रयास नहीं कर रही हैं और वहां पराली जलाए जाने की घटनाएं जारी हैं।"

मंत्री गोपाल राय ने कहा, "यह देखा गया है कि जब कोई दिल्ली में गाड़ी चलाता है, तो वह अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले करीब 8 से 10 लाल बत्ती पर रुकता है। अगर वह बिना गाड़ी बंद किए 2 मिनट तक चौराहे पर रुकता है, तो वह 25 से 30 मिनट का ईंधन बेकार में बर्बाद कर देता है। इस मानसिकता को बदलने की जरूरत है। हमारे पूरे अभियान का उद्देश्य लोगों को लाल बत्ती पर गाड़ी बंद करने की आदत बनाने के लिए प्रोत्साहित करना है।"

पर्यावरण मंत्री ने यह कहते हुए समापन किया कि "पर्यावरण स्वयंसेवक, आरडब्ल्यूए और पर्यावरण से जुड़े व्यक्ति भी इस अभियान में शामिल हैं। यह दिल्ली के नागरिकों के लिए एक अभियान है। जहां सरकार प्रदूषण को कम करने के प्रयास कर रही है, वहीं जनभागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।" वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने सोमवार को दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी-II) के कार्यान्वयन का आदेश दिया है, क्योंकि क्षेत्र में समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक 'बहुत खराब' श्रेणी में आ गया है।

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