MP के मंदसौर जिले में होती है विजयदशमी के दिन रावण की पूजा, जानिए कारण

Ravana temple at mandsaur
सुयश भट्ट । Oct 15 2021 11:16AM

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में रावण की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर ही था।

भोपाल। पूरा देश आज यानी गुरुवार को विजयादशमी के रूप में मना रहा है। हिंदुओं में दशहरा अथवा विजयादशमी बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन शस्त्र पूजन का विशेष  महत्व है। बुराई के प्रतीक स्वरूप रावण, मेघनाथ तथा कुंभकरण का पुतला जलाया जाता है।

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जहां आज हर जगह रावण दहन होते है तो वहीं मध्य प्रदेश में रावण की पूजा की जाती है। मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में रावण की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका मंदसौर ही था।

दरअसल मंदसौर में रामायण के पात्र रहे रावण के बारे में कई कहानियां प्रचलित है। मंदसौर के पास रावणग्राम नामक एक स्थान है। ऐसा कहा जाता है कि इसका प्राचीन नाम मंदोत्तरी था। रावण की पत्नी मंदोदरी यही कि रहने वाली थी। रावण अपने राज्य विस्तार के समय यहां आया था। तब मंदसौर के राजा ने मंदोदरी का विवाह मंदोदरी का विवाह रावण से किया था।

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आपको बता दें कि दशहरे के दिन हर जगह रावण दहन की परंपरा है। वही मंदसौर में रावण दहन के बजाय उसका प्रतीकात्मक वध किया जाता है। मंदसौर में दशहरे के दिन सुबह के समय रावण की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। नामदेव समाज के लोग ढोल नगाड़े के साथ रावण की प्रतिमा के पास आते हैं। यहां उनकी पूजा दामाद स्वरूप में किया जाता है।

जानकारी के मुताबिक मंदसौर के खानपुरा मे लगभग 200 वर्ष पुरानी रावण की विशालकाय प्रतिमा है। इस प्रतिमा पर एक मुख्य सिर तथा उसके दोनों ओर चार चार सिर है। मुख्य सिर के ऊपर एक गधे का सिर है। बुजुर्गों के अनुसार रावण की बुद्धि भ्रष्ट हो गई थी ऐसे में प्रतीक स्वरूप गधे का सिर मुख्य सिर के ऊपर लगाया गया।

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