भोपाल में बिक रही है गोबर से बनी राखियां, महिलाओं को दिया जा रहा है मुफ्त में रखी बनाने का प्रशिक्षण
हस्तशिल्प कारीगर इन राखियों को बनाने के लिए महिलाओं को फ्री में प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके और उनके रोजगार का एक और दरवाजा खुल जाए। गाय के गोबर से बनी राखियों का उद्देश्य गौ रक्षा और पर्यावरण को बचाना है।
भोपाल। राजधानी भोपाल में एक परिवार इको फ्रेंडली राखी बना रहा है। बताया जा रहा है कि गाय के गोबर से राखियां बनाई जा रही हैं। इसे लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं। गाय के गोबर से राखी बनाने वाले हस्तशिल्प कारीगर बताते हैं कि उनका उद्देश्य गौ रक्षा पर्यावरण को बचाए रखना और आत्मनिर्भर बनने का है।
वहीं राखियों के साथ-साथ वह गोबर के गणेश जी की प्रतिमा और घर को सजाने के लिए कई तरह की चीजें बना रहे हैं। महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए फ्री में प्रशिक्षण भी दे रहे हैं। जिसका उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।
दरअसल हस्तशिल्प कारीगर इन राखियों को बनाने के लिए महिलाओं को फ्री में प्रशिक्षण दे रहे हैं, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके और उनके रोजगार का एक और दरवाजा खुल जाए। गाय के गोबर से बनी राखियों का उद्देश्य गौ रक्षा और पर्यावरण को बचाना है।
इसे भी पढ़ें:जनआशीर्वाद यात्रा को लेकर बीजेपी पर कांग्रेस ने खड़े किए कई सवाल, कहा- जनता और राजनेताओं में इतना फर्क क्यों
आपको बता दें कि रक्षाबंधन के मौके पर बाजार में अलग-अलग वैरायटी की राखियां बिक रही हैं। लेकिन गोबर से बनी राखियां लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं। सबका ध्यान बाजार में गोबर से बनी इन राखियों पर ही जा रहा है। इस त्यौहार पर इको फ्रेंडली ये राखियां खूब बिक रही हैं। यह राखियां गाय के गोबर से बनाई जा रही हैं।
अन्य न्यूज़