Rajasthan Elections: कांग्रेस में शामिल हुईं साध्वी अनादि सरस्वती, अजमेर उत्तर से लड़ सकती हैं चुनाव
साध्वी ने आगे कहा कि संत को किसी मंच की जरूरत नहीं होती, उनका ध्यान सिर्फ काम करने पर होता है... मैं सीएम को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किया।
राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले साध्वी अनादि सरस्वती गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्य पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गईं। कांग्रेस पार्टी अजमेर उत्तर से संभवत: वासुदेव देवनानी के खिलाफ साध्वी को टिकट देने पर विचार कर रही है। कांग्रेस में शामिल होने के बाद उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि पूरे समाज में मेरी पहचान एक संत के रूप में है। संत किसी भी दलगत राजनीति से ऊपर होता है। और एक संत सनातन धर्म और पूरे विश्व को अपना परिवार मानता है। उनका एकमात्र लक्ष्य मानव जाति की सेवा करना है।
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साध्वी ने आगे कहा कि संत को किसी मंच की जरूरत नहीं होती, उनका ध्यान सिर्फ काम करने पर होता है... मैं सीएम को धन्यवाद देना चाहती हूं कि उन्होंने मुझे सम्मान के साथ पार्टी में शामिल किया। इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि हम अपनी योजनाओं, अपने द्वारा पारित कानूनों, अपनी गारंटी के आधार पर लोगों के बीच जा रहे हैं। हम चाहते हैं कि जनता हमें फिर से आशीर्वाद दे। सरकार दोबारा बनी तो आने वाले समय में मौजूदा योजनाएं मजबूत होंगी। गारंटी मजबूत होगी।
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राजस्थान में 25 नवंबर को मतदान होगा जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी। राजस्थान में - जहां 25 नवंबर को कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच सीधी लड़ाई होगी, सत्ता विरोधी लहर एक महत्वपूर्ण कारक है। वहीं, टिकट वितरण से नाराज कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बुधवार को अजमेर में विरोध प्रदर्शन किया। पार्टी ने अपनी 200 सदस्यीय विधानसभा के लिए 156 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है। इससे पहले भी पार्टी के भीतर नाराजगी की खबर आई थी। उम्मीदवारों के चयन को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में असंतोष पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि हर कोई संतुष्ट नहीं होगा और लोकतंत्र में मुख्यमंत्री भी अन्य पार्टी के नेताओं से परामर्श किए बिना सभी निर्णय नहीं ले सकते।
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