लाल किले के कार्यक्रम में पीछे बैठे थे Rahul Gandhi, कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- इससे प्रधानमंत्री की कुंठा दिखी

Rahul Gandhi
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वेणुगोपाल ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के एलओपी को भी आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए, 'लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्षमल्लिकार्जुन खरगे की सीटें 5वीं पंक्ति में थीं। यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष या राहुल जी के पद का अपमान नहीं था, यह भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।'

नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि लाल किले पर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पीछे बैठाना प्रधानमंत्री की कुंठा को दिखाता है और यह दर्शाता है कि सरकार को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की कोई परवाह नहीं है। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष के पद का अपमान नहीं था, बल्कि भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज राहुल गांधी संसद में उठाते हैं। दूसरी तरफ, सूत्रों ने कहा कि बैठने की सभी व्यवस्थाएं वरीयता तालिका के अनुसार की गईं थीं और इस वर्ष यह निर्णय लिया गया कि पेरिस ओलंपिक के पदक विजेताओं को स्वतंत्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में सम्मानित किया जाएगा।

वेणुगोपाल ने एक्स पर पोस्ट किया, मोदी जी, अब समय आ गया है कि आप 4 जून के बाद नयी वास्तविकता को स्वीकार करें। जिस अहंकार के साथ आपने स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान लोकसभा नेता राहुल गांधी जी को अंतिम पंक्ति में भेज दिया, उससे पता चलता है कि आपने सबक नहीं सीखा है। उन्होंने दावा किया, रक्षा मंत्रालय की यह कमजोर दलील है कि यह ओलंपियनों (ओलंपिक प्रतिभागियों) के सम्मान के लिए था। इसका कोई ज्यादा मतलब नही है। ओलंपियन हर तरह से सम्मान के पात्र हैं, लेकिन मुझे आश्चर्य है कि अमित शाह या निर्मला सीतारमण जी जैसे कैबिनेट मंत्रियों को उनसे आगे की पंक्ति में सीटें कैसे मिल जाती हैं।

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उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, दोनों सदनों के एलओपी को भी आगे की पंक्ति में बैठना चाहिए, ‘‘लेकिन राहुल जी और कांग्रेस अध्यक्षमल्लिकार्जुन खरगे की सीटें 5वीं पंक्ति में थीं। यह सिर्फ नेता प्रतिपक्ष या राहुल जी के पद का अपमान नहीं था; यह भारत के लोगों का अपमान था, जिनकी आवाज़ राहुल जी संसद में उठाते हैं।’’ वेणुगोपाल ने कहा, यह आश्चर्यजनक है कि सच्चाई कुछ लोगों को कितनी असहज कर सकती है - इतना कि वे इसका सामना करने के बजाय बैठने की जगह को फिर से व्यवस्थित करना पसंद करेंगे।

पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक बयान में दावा किया, ‘‘छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को स्वतंत्रता दिवस के समारोह में पांचवीं लाइन में बिठा कर नरेन्द्र मोदी ने अपनी कुंठा जरूर दिखाई, लेकिन इससे राहुल गांधी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। नेता प्रतिपक्ष का दर्जा कैबिनेट मंत्री का होता है, सरकार के मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे तो इन क्षुद्र मानसिकता वालों को लोकतंत्र और लोकतांत्रिक परंपराओं की भी कोई परवाह नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय का बयान सरकार को बेनकाब कर रहा है। सुप्रिया ने कहा, ‘‘सच यह है कि राहुल गांधी से मोदी और उनके मंत्री आंखें चुराते हैं, और असहज हो जाते हैं। राहुल गांधी पांचवीं पंक्ति में बैठें या पचासवीं, वो जननायक ही रहेंगे। लेकिन आपलोग इस तरह की गलीच हरकतें करना कब बंद करेंगे?’’

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इससे पहले, कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में राहुल गांधी के बैठने की तस्वीर साझा करते हुए ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘रक्षा मंत्रालय इतना तुच्छ व्यवहार क्यों कर रहा है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी चौथी पंक्ति में बैठे। नेता प्रतिपक्ष किसी भी कैबिनेट मंत्री से ऊपर है। लोकसभा में वह प्रधानमंत्री के बाद हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘राजनाथ सिंह जी, आप रक्षा मंत्रालय के राष्ट्रीय कार्यक्रमों का राजनीतिकरण नहीं होने दे सकते। आपसे ऐसी उम्मीद नहीं थी, राजनाथ जी।’’

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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