खस्ताहालत में है रानी कमलापति का महल, सरकार ने अब नहीं ली किले की सुध

पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन ने आज तक इस किले की सुध नहीं ली है और ना ही इसका जीणोद्धार करने का सोचा है।
भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में हबीबगंज रेलवे स्टेशन अब रानी कमलापति के नाम से जाना जाएगा। लेकिन रानी कमलापति का इतिहास सीहोर से भी जुड़ता है। भोपाल से 55 किलोमीटर और सीहोर जिला मुख्यालय से 100 किलोमीटर दूर है गिन्नौरगढ़।
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आपको बता दें कि 750 गांवों से मिलकर गिन्नौर राज्य बनाया गया था। मुगल साम्राज्य के पतन के बाद गोंड राजा निजाम शाह अपनी सात रानियों के साथ रहते थे। निजाम शाह का भतीजा चैनशाह बाड़ी में राज करता था। नफरत की वजह से उसने अपने चाचा की हत्या करने के काफी प्रयास किए, जिसमें उसे सफलता नहीं मिली।
ऐसा बताया जाता है कि रानी ने दोस्त मोहम्मद को राखी बांधी थी और उन्हें अपना भाई बनाया था। खास बात है कि हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम भले ही रानी कमलावती रखा जा रहा है लेकिन आज भी सीहोर जिले के गिन्नौर गढ़ में रानी कमलापती का किला खस्ताहाल है।
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आपको बता दें कि पर्यटन विभाग, संस्कृति विभाग और जिला प्रशासन ने आज तक इस किले की सुध नहीं ली है और ना ही इसका जीणोद्धार करने का सोचा है। हालांकि, विंध्य पर्वत की श्रेणियों में एक पहाड़ी पर स्थित किला सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
जानकारी के मुताबिक किले तक पहुंचने के लिए पर्यटकों को ऊबड़-खाबड़ रास्तों से गुजरना पड़ता है। खजाने की तालाश में किले की काफी खुदाई से भी बहुत नुकसान पहुंचा है। ऐतिहासिक किला सीएम शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले और बुधनी विधानसभा में आता है जहां पर रानी कमलापति का महल है।
बताया जा रहा है कि रानी कमलापती की धरोहर आज भी खस्ताहाल है। वहीं लोगों का कहना है कि सरकार को जरूर एक बार महल के जीर्णोद्धार करने पर भी सोचना चाहिए।
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