ऑपरेशन ब्लूस्टार की 37वीं बरसी पर स्वर्ण मंदिर में खालिस्तान समर्थक नारे लगाए गए
ऑपरेशन ब्लूस्टार’ 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया सैन्य अभियान था। किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए और बाद में जमानत पर रिहा हुए अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू भी पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ स्वर्ण मंदिर पर थे।
अमृतसर। ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ की 37वीं बरसी पर रविवार को शिरोमणि अकाली दल (मान) के समर्थकों ने स्वर्ण मंदिर पर खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए। इस दौरान बड़ी संख्या में युवाओं ने ‘‘खालिस्तान जिंदाबाद’’ के पोस्टर और बैनर पकड़ रखे थे। अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने सिख समुदाय में एकता बनाए रखने पर जोर दिया और इस घटना को ‘‘1984 की प्रलय’’ करार दिया। ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ 1984 में स्वर्ण मंदिर से आतंकवादियों को बाहर निकालने के लिए चलाया गया सैन्य अभियान था। किसानों के ट्रैक्टर मार्च के दौरान 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए और बाद में जमानत पर रिहा हुए अभिनेता-कार्यकर्ता दीप सिद्धू भी पूर्व सांसद सिमरनजीत सिंह मान के साथ स्वर्ण मंदिर पर थे।
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मान के नेतृत्व में शिरोमणि अकाली दल (मान) संगठन के समर्थकों ने अकाल तख्त में नारेबाजी की। इस आयोजन के दौरान सुरक्षा के एहतियातन व्यापक प्रबंध किए गए थे। जत्थेदार ने अकाल तख्त के मंच से अपना पारंपरिक संदेश देते हुए कहा कि सिख समुदाय ‘ऑपरेशन ब्लूस्टार’ के जख्मों को हमेशा याद रखेगा। जत्थेदार ने कहा, ‘‘सेना की कार्रवाई दो देशों के बीच युद्ध के समान थी। यह किसी एक देश का दूसरे देश पर हमला करने जैसा था।’’ सिखों की सर्वोच्च धार्मिक संस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने उस गुरु ग्रंथ साहिब का पावन स्वरूप प्रदर्शित किया, जिसे 1984 में गोली लगी थी।
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