राज्यसभा में प्रधानमंत्री का भावुक होना मंझा हुआ अभिनय था: थरूर

Tharoor

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को राज्यसभा में आजाद के बारे में बात करते हुए कई बार भावुक हो गए थे। पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पुस्तक ‘बाई मेनी ए हैपी एक्सीडेंट: रिकलेक्सन ऑफ ए लाइफ’ पर आयोजित परिचर्चा में थरूर ने कहा कि यह बहुत मंझा हुआ अभिनय था।

नयी दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बुधवार को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद की विदाई के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भावुक भाषण को ‘ मंझा हुआ अभिनय’ करार दिया। प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को राज्यसभा में आजाद के बारे में बात करते हुए कई बार भावुक हो गए थे। 

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पूर्व उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी की पुस्तक ‘बाई मेनी ए हैपी एक्सीडेंट: रिकलेक्सन ऑफ ए लाइफ’ पर आयोजित परिचर्चा में थरूर ने कहा, ‘‘यह बहुत मंझा हुआ अभिनय था।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह आंशिक रूप से (किसान नेता) राकेश टिकैत के जवाब में था। उन्होंने फैसला किया कि उनके पास भी आंसू हैं।’’ राकेट टिकैत हाल ही में किसान आंदोलन को लेकर भावुक हो गए थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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