शेयर बाजार में चार जून को हुई भारी गिरावट पर रिपोर्ट के लिए न्यायालय में याचिका दायर
वकील विशाल तिवारी की याचिका में सरकार और सेबी को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर विचार करने के लिए तीन जनवरी को दिए गए आदेशों पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया गया है।
नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर कर आग्रह किया गया है कि चार जून को चुनाव परिणाम के दिन शेयर बाजार में आई भारी गिरावट पर केंद्र और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को विस्तृत रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया जाए। वकील विशाल तिवारी की याचिका में सरकार और सेबी को अडाणी-हिंडनबर्ग मामले में जनहित याचिका पर न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अध्यक्षता वाली विशेषज्ञ समिति के सुझाव पर विचार करने के लिए तीन जनवरी को दिए गए आदेशों पर एक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिए जाने का भी आग्रह किया गया है।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि केंद्र और सेबी को विशेषज्ञ समिति के सुझावों पर रचनात्मक रूप से विचार करना चाहिए तथा नियामक ढांचे को मजबूत करने, निवेशकों की सुरक्षा और प्रतिभूति बाजार का कामकाज व्यवस्थित रूप से सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कार्रवाई करनी चाहिए। याचिका में कहा गया, ऐसा कहा जाता है कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के संबंध में एग्जिट पोल की घोषणा के बाद शेयर बाजार में तेजी आई, लेकिन जब वास्तविक नतीजे घोषित हुए तो बाजार गिर गया। इसमें कहा गया है, शेयर बाजार में अस्थिरता फिर से उभरी है। समाचार रिपोर्ट के अनुसार, 20 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
इसने नियामक तंत्र पर फिर से सवालिया निशान खड़ा कर दिया है... अदालत के निर्देश के बावजूद, कुछ भी नहीं बदला है। एग्जिट पोल में भाजपा की शानदार जीत का अनुमान जताए जाने पर बीएसई सेंसेक्स गत सोमवार को 2,507 अंक या 3.4 प्रतिशत की बढ़त के साथ 76,469 अंक पर बंद हुआ। हालांकि, एक दिन बाद मंगलवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट देखने को मिली और सेंसेक्स 4,390 अंक या छह प्रतिशत लुढ़ककर 72,079 पर बंद हुआ। यह पिछले चार साल में एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट थी।
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