संसद सुरक्षा चूक मामला: उच्च न्यायालय ने पुलिस हिरासत के खिलाफ आरोपी नीलम आजाद की याचिका खारिज की

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उन्होंने ‘केन‘ से पीले रंग की गैस छोड़ी और नारे लगाए। बाद में उन्हें कुछ सांसदों ने काबू में कर लिया। लगभग उसी समय दो अन्य आरोपी अमोल शिंदे और आजाद ने भी संसद भवन परिसर के बाहर ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़े। मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों के अलावा ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस हिरासत में सभी से पूछताछ की जा रही है।

दिल्ली उच्च न्यायालय ने 13 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आरोपी नीलम आजाद की उस याचिका को बुधवार को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपनी पुलिस हिरासत को अवैध बताकर रिहाई का अनुरोध किया था। न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। पीठ में न्यायमूर्ति मनोज जैन भी शामिल थे। पीठ ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता ने पहले ही निचली अदालत के समक्ष जमानत याचिका दायर कर दी है। वर्तमान याचिका सुनवाई योग्य नहीं है और इसलिए इसे खारिज किया जाता है।’’ आजाद के वकील ने दलील दी कि पुलिस हिरासत संविधान के प्रावधानों का उल्लंघन है क्योंकि उन्हें निचली अदालत की कार्यवाही के दौरान अपने बचाव के लिए अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं दी गई।

सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने कहा कि आरोपी के मौलिक अधिकारों के उल्लंघन का ऐसा कोई आधार नहीं बनता है। आजाद ने ‘‘उसे रिहा करने’’ का आदेश देने के साथ साथ उच्च न्यायालय के समक्ष पेशी के निर्देश संबंधी बंदी प्रत्यक्षीकरण की रिट याचिका का अनुरोध करते हुए अपनी अपील में कहा कि उसे अपनी पसंद के वकील से परामर्श करने की अनुमति नहीं देना संविधान के तहत मिले उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है अत: उसकी हिरासत का आदेश गैरकानूनी है। निचली अदालत ने उसे पांच जनवरी तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। निचली अदालत ने 21 दिसंबर को संसद सुरक्षा चूक मामले में गिरफ्तार आजाद समेत चार आरोपियों की पुलिस हिरासत पांच जनवरी तक बढ़ा दी थी।

दिल्ली पुलिस ने कहा था कि उन्हें साजिश में शामिल सभी लोगों का पता लगाने की जरूरत है। चारों आरोपियों को घटना के दिन ही गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि दो अन्य को बाद में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले की बरसी के दिन 13 दिसंबर, 2023 को एक बड़े सुरक्षा चूक के तहत सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो व्यक्ति शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए।

उन्होंने ‘केन‘ से पीले रंग की गैस छोड़ी और नारे लगाए। बाद में उन्हें कुछ सांसदों ने काबू में कर लिया। लगभग उसी समय दो अन्य आरोपी अमोल शिंदे और आजाद ने भी संसद भवन परिसर के बाहर ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’ के नारे लगाते हुए ‘केन’ से रंगीन गैस छोड़े। मामले में पुलिस ने चारों आरोपियों के अलावा ललित झा और महेश कुमावत को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस हिरासत में सभी से पूछताछ की जा रही है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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