पंडित मदन मोहन मालवीय कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे : अमित शाह
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उन्होंने कहा, ‘‘मालवीय कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे। वह एक महान शिक्षाविद्, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार और वकील भी थे।’’
नयी दिल्ली| केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को पंडित मदन मोहन मालवीय को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के संस्थापक मालवीय अपने आप में एक संस्थान थे और वैचारिक मतभेदों के बावजूद सभी उनकी प्रशंसा करते थे।
मालवीय की 160वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि आज की पीढ़ी में बहुत से लोग यह नहीं समझ पाएंगे कि एक ही व्यक्ति कांग्रेस अध्यक्ष और हिंदू महासभा का अध्यक्ष कैसे बना।
उन्होंने कहा, ‘‘मालवीय कोई व्यक्ति नहीं बल्कि एक संस्था थे। वह एक महान शिक्षाविद्, समाज सुधारक, राजनीतिज्ञ, पत्रकार और वकील भी थे।’’
शाह ने कहा कि मालवीय एकमात्र स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने मातृभाषा, भारतीय संस्कृति और भारतीयता को बढ़ावा देने के लिए पुरजोर वकालत की। उन्होंने कहा कि मालवीय के मन में गंगा नदी, गाय और हिंदी के लिए बहुत सम्मान था और तीनों के प्रचार और संरक्षण के लिए उन्होंने तीन अलग-अलग संस्थाओं की स्थापना की। शाह ने कहा, ‘‘आज के पत्रकार यह नहीं सोच सकते कि एक ही व्यक्ति कांग्रेस और हिंदू महासभा दोनों का अध्यक्ष कैसे बना।
वह अपने महान व्यक्तित्व के कारण सभी के लिए स्वीकार्य थे।’’ गृह मंत्री ने कहा कि मालवीय ने महात्मा गांधी के असहयोग आंदोलन का समर्थन किया था, लेकिन खिलाफत आंदोलन का विरोध करते हुए कहा कि इससे देश का विभाजन होगा।
उन्होंने कहा कि मालवीय चार बार कांग्रेस अध्यक्ष रहे और उन्होंने हमेशा इसमें भारतीय संस्कृति को पेश करने की कोशिश की और उन्होंने ही पार्टी को ‘वंदे मातरम’ से परिचित कराया।
शाह ने कहा कि मालवीय ने हमेशा हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए काम किया और कहा कि सभी भारतीय भाषाएं बहनें हैं।
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