पेगासस जासूसी मामले में विपक्ष का हंगामा जारी, लोकसभा का कामकाज बाधित
बुधवार को ईद-उल-अजहा की वजह से अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक अब बृहस्पतिवार, 22 जुलाई को होगी। विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला और महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है।
नयी दिल्ली। लोकसभा में मंगलवार को महंगाई और पेगासस जासूसी मामला छाया रहा और इन मुद्दों पर कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी। दो बार के स्थगन के बाद अपराह्न 3 बजे बैठक शुरू होने पर विपक्षी सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामले को उठाते हुए नारेबाजी शुरू कर दी। व्यवस्था बनते हुए नहीं देख पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। बुधवार को ईद-उल-अजहा की वजह से अवकाश होने के कारण सदन की अगली बैठक अब बृहस्पतिवार, 22 जुलाई को होगी। विपक्ष संसद के मॉनसून सत्र में सरकार को तीन केंद्रीय कृषि कानूनों, पेगासस जासूसी मामला और महंगाई समेत विभिन्न विषयों पर घेरने का प्रयास कर रहा है।
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विपक्ष के शोर-शराबे के कारण मॉनसून सत्र में निचले सदन में लगातार दूसरे दिन कामकाज नहीं हो सका। सुबह 11 बजे सदन की बैठक शुरू होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने प्रश्नकाल शुरू कराया तब कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करने लगे। इस दौरान कुछ विपक्षी सदस्य हाथों में तख्तियां लेकर आसन के समीप आ गए और नारे लगाने लगे। तख्तियों पर लिखा था ‘लोग बेरोजगारी से परेशान हैं और सरकार जासूसी में लगी है’। हंगामे के बीच ही कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने भाजपा सदस्य जसकौर मीणा के पूरक प्रश्न का उत्तर दिया। अध्यक्ष ने प्रदर्शन कर रहे विपक्षी सदस्यों से कहा कि सदन में तख्तियां लाना नियम प्रक्रिया के तहत उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कल कहा था कि वह हर विषय पर जवाब देने को तैयार है। उन्होंने नारेबाजी कर रहे सदस्यों से कहा कि वे अपने स्थान पर जाकर बैठें और जिन मुद्दों पर भी चर्चा करना चाहते हैं, सरकार उसके लिए तैयार है। बिरला ने कहा, ‘‘ सरकार हर विषय पर चर्चा की प्रतिबद्धता व्यक्त कर चुकी है, तो फिर विपक्ष नारेबाजी क्यों कर रहा है। यह उचित नहीं है। जिस विषय पर चर्चा चाहते हैं, उसके लिए नोटिस दें।’’ हालांकि विपक्षी सदस्यों का हंगामा जारी रहा और अध्यक्ष ने 11:05 बजे बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
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सदन की बैठक पुन: शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी सुबह की तरह जारी रही। पीठासीन सभापति किरीट सोलंकी ने प्रदर्शन कर रहे सदस्यों से अपने स्थान पर जाने का और कार्यवाही चलने देने का आग्रह किया। उन्होंने हंगामे के बीच ही आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। शोर-शराबे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा वित्त वर्ष में 23,674.81 करोड़ रुपये अतिरिक्त व्यय के लिए सदन की मंजूरी मांगी। शोर-शराबा थमता नहीं देख सोलंकी ने दोपहर 2:10 बजे सदन की कार्यवाही को अपराह्न तीन बजे तक स्थगित कर दिया। अपराह्न तीन बजे बैठक पुन: शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। पीठासीन सभापति सोलंकी ने हंगामा जारी रहने पर बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया। कांग्रेस समेत विपक्षी सदस्यों ने तीन नये केंद्रीय कृषि कानूनों समेत कुछ विषयों पर सोमवार को भी लोकसभा में नारेबाजी की थी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंत्रिपरिषद के नये सदस्यों का परिचय नहीं कराने दिया। मॉनसून सत्र के पहले दिन सदन की बैठक दो बार के स्थगन के बाद दिनभर के लिए स्थगित कर दी गयी थी। उल्लेखनीय है कि पेगासस स्पाईवेयर का उपयोग करते हुए ‘जासूसी’का विषय संसद में और उसके बाहर बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन गया है। विभिन्न राजनीतिक दल इस मामले की विस्तृत जांच कराने और गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। वहीं सरकार का कहना है कि उसका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है। सोमवार को सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सिरे से खारिज करते हुए लोकसभा में कहा था कि संसद के मॉनसून सत्र से ठीक पहले लगाये गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं।
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