लखीमपुर मामले एवं अन्य विषयों पर विपक्ष का हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही दो बजे तक स्थगित

Opposition uproar over Lakhimpur case and other subjects

लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अदालत में दिये आवेदन की पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग तथा कुछ अन्य विषयों को लेकर भारी हंगामा किया।

नयी दिल्ली। लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस सहित कुछ विपक्षी दलों के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा अदालत में दिये आवेदन की पृष्ठभूमि में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के इस्तीफे की मांग तथा कुछ अन्य विषयों को लेकर भारी हंगामा किया जिसके कारण सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजकर करीब 15 मिनट पर अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद जब दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो पहले की ही तरह विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए।

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पीठासीन सभापति राजेंद्र अग्रवाल ने शोर-शराबे के बीच ही आवश्यक कागजात सदन के पटल पर रखवाए। इसके बाद विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने सदन में ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ पेश किया। इसका कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, एआईएमआईएम जैसे दलों के नेताओं ने विरोध किया। इस दौरान सदन में कांग्रेस और कुछ अन्य दलों के सदस्यों ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी की। तमिलनाडु के कुछ सांसद श्रीलंका में बंद भारतीय मछुआरों की रिहाई मांग को लेकर हंगामा किया।

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शिवसेना के सदस्य भी तख्तियां लेकर सदन में पहुंचे थे जिस पर उन्होंने लिखा था कि ‘छत्रपति शिवाजी का अपमान करने के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री के इस्तीफा दें।’ हंगामा जारी रहने पर अग्रवाल ने दोपहर 12 बजकर करीब 15 मिनट पर सदन की कार्यवाही अपराह्न दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, आज सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होने पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने तीन पूर्व दिवंगत सदस्यों चंद्रपाल शैलानी, के. रोसैया और राम नगीना मिश्र का हाल ही में निधन होने के बारे में सूचना दी और उनके संसदीय एवं राजनीतिक जीवन का संक्षिप्त उल्लेख किया। फिर सदस्यों ने कुछ पल मौन रखकर इन दिवंगत पूर्व सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

बिरला ने जैसे ही प्रश्नकाल शुरू कराया, उसके साथ ही कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। कई सदस्यों ने हाथों में तख्तियां भी ले रखी थीं। अध्यक्ष ओम बिरला ने शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू कराया। कौशल विकास एवं उद्यमिता, संस्कृति, श्रम एवं रोजगार और शिक्षा मंत्रालयों से संबंधित प्रश्न पूछे गए संबंधित मंत्रियों ने इनके उत्तर भी दिए। बिरला ने नारेाबजी कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपने स्थान पर जाने की अपील की। उन्होंने कहा, ‘‘ प्रश्नकाल में महत्वपूर्ण मुद्दे हैं। अगर आप अपने स्थान पर जाएंगे तो इन मुद्दों का समाधान होगा। सदन में अच्छी परंपरा बनाएं। आपको जनता ने अपने उनकी समस्याएं और मुद्दों को उठाने के लिए भेजा है। सदन में गरिमामयी व्यवहार होने चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि वे सदन के नेताओं से कहना चाहते हैं कि सदन में शालीनता और गरिमा को बनाए रखा जाए। सदन में हंगामा जारी रहने पर उन्होंने दिन में 11 बजकर करीब 45 मिनट पर कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। लखीमपुर खीरी में तीन अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले पर ही गत सप्ताह बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार को भी विपक्षी सदस्यों ने सदन में हंगामा किया था जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई थी।

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