नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी बोले- डगमगाती स्थिति में है भारतीय अर्थव्यवस्था
नोबेल पुरस्कार के लिए नाम की घोषणा के बाद बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि मेरे विचार से अर्थव्यवस्था बहुत खराब कर रही है।
न्यूयार्क। अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार के लिए चयनित भारतीय-अमेरिकी अभिजीत बनर्जी ने सोमवार को कहा कि सरकार द्वारा तेजी से समस्या की पहचान करने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था “बहुत बुरा (प्रदर्शन) कर” रही है। नोबेल पुरस्कार के लिए नाम की घोषणा के बाद बनर्जी ने एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा, “मेरे विचार से अर्थव्यवस्था बहुत खराब कर रही है।” जब उनसे भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति और उसके भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “यह बयान भविष्य में क्या होगा, उस बारे में नहीं है, बल्कि जो हो रहा है उसके बारे में है। मैं इसके बारे में एक राय रखने का हकदार हूं।”
The economy is doing very badly in my view, an “enormous fight” over which data & numbers are to be relied upon as indicators of the health of the economy and criticized the govt for considering as “wrong” all data that is “inconvenient to it”.
— Maanmohan Singh Pahujaa (@msgpahujaa) October 15, 2019
Nobel laureate #AbhijitBanerjee pic.twitter.com/DYOBQYGA0o
भारत के शहरी और ग्रामीण इलाकों में औसत खपत के अनुमान बताने वाले राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, “हम जो तथ्य देख रहे हैं, उसके मुताबिक 2014-15 और 2017-18 के बीच आंकड़े थोड़े कम हुए हैं।” उन्होंने कहा, “ऐसा कई, कई, कई, कई, कई सालों में पहली बार हुआ है, तो यह एक बहुत ही बड़ी चेतावनी का संकेत है।” उन्होंने कहा कि भारत में एक बहस चल रही है कि कौन सा आंकड़ा सही है और सरकार का खासतौर से यह मानना है कि वो सभी आंकड़े गलत हैं, जो असुविधाजनक हैं।
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उन्होंने कहा, “लेकिन मुझे लगता है कि सरकार भी अब यह मानने लगी है कि कुछ समस्या है। अर्थव्यवस्था बहुत तेजी से धीमी हो रही है। कितनी तेजी से, यह हमें नहीं पता है, आंकड़ों को लेकर विवाद हैं, लेकिन मुझे लगता है कि यह तेज है।” उन्होंने कहा कि उन्हें ठीक-ठीक नहीं पता है कि क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके विचार में जब अर्थव्यवस्था “अनियंत्रित गिरावट” की ओर जा रही है, तो ऐसे में आप मौद्रिक स्थिरता के बारे में इतनी चिंता नहीं करते हैं और इसकी जगह मांग के बारे में थोड़ा अधिक चिंता करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अब अर्थव्यवस्था में मांग एक बड़ी समस्या है।
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