महबूबा मुफ्ती का पीएम पर निशाना, बोलीं- प्रधानमंत्री मोदी के जम्मू दौरे से कश्मीर में कुछ नहीं बदलने वाला
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी को जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में कोई उम्मीद नहीं दिख रही। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को निराशा की ओर धकेल दिया है।
श्रीनगर। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी को जम्मू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण में कोई उम्मीद नहीं दिख रही। उन्होंने साथ ही आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के युवाओं को निराशा की ओर धकेल दिया है। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम क्या उम्मीद कर सकते हैं? प्रधानमंत्री ने युवाओं और जम्मू-कश्मीर के भविष्य के बारे में बात की। उनका भविष्य क्या है? पीएसए (जम्मू-कश्मीर लोक सुरक्षा कानून) क्या पर्याप्त नहीं था कि अब युवाओं के खिलाफ यूएपीए के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।’’
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महबूबा ने कहा कि मोदी का बयान विडंबनापूर्ण है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर में रोजगार और व्यापार के अवसर बाहरी लोगों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘नौकरियां बाहर जा रही हैं, खनन के पट्टे और शराब के लाइसेंस भी बाहरी लोगों को दिए जा रहे हैं। जम्मू-कश्मीर में पैदा होने वाली बिजली से पूरे देश में घरों और कारखानों को बिजली मिलती है, लेकिन इस मोर्चे पर भी कश्मीर की स्थिति भयानक है।’’ पीडीपी प्रमुख ने आरोप लगाया कि केंद्र ने जम्मू-कश्मीर की जमीन को बिक्री के लिए रख दिया है। उन्होंने कहा, ‘‘वह यहां जमीन खरीदने वाले लोगों के लिए स्टांप ड्यूटी में 50 प्रतिशत की कमी की पेशकश कर रहा है।’’
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जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने मुसलमानों के खिलाफ हिंसा पर चुप्पी साधे रखने के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘मुसलमानों की आजीविका, उनके घरों और उनकी गरिमा को दिल्ली के जहांगीरपुरी में प्रधानमंत्री आवास के ठीक पास बुलडोजर से ढहाया जा जा रहा है, लेकिन मोदी इसके बारे में कुछ नहीं कर रहे हैं।’’ महबूबा ने कहा कि एक मुस्लिम बहुल राज्य के तौर पर जम्मू-कश्मीर धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों के आधार पर भारत में शामिल हुआ था। उन्होंने कहा, ‘‘हमने सोचा था कि हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई एक साथ रहेंगे। लेकिन अब ऐसा नहीं हो रहा है। देश में सबसे बड़े अल्पसंख्यक मुस्लिम बहुत डरे हुए हैं।’’
महबूबा ने कहा कि प्रधानमंत्री का जम्मू-कश्मीर का दौरा उनके मूक दर्शक बने रहने की पृष्ठभूमि में हो रहा है, जब 20 करोड़ मुसलमान बुलडोजर का सामना कर रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘वह जम्मू-कश्मीर का दौरा करने आते हैं, जिसे नष्ट करने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। हमारे अधिकार छीन लिए गए हैं... हम एक राज्य से एक केंद्र शासित प्रदेश में सिमट गए हैं। यहां नौकरियों में बाहरी लोगों को वरीयता दी जा रही है, जबकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को खारिज किया जा रहा है।’’
पीडीपी अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले केंद्र ने ‘‘न केवल लोकतंत्र, बल्कि संविधान को भी कुचल दिया है।’’ जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बारे में पूछे जाने पर पीडीपी प्रमुख ने कहा कि उन्होंने इसके बारे में कुछ नहीं सुना है। महबूबा ने कहा, ‘‘जिस तरह से वे (केंद्र) जम्मू-कश्मीर को रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित कर रहे हैं, हमें चुनाव के बारे में कोई खबर नहीं दिख रही है।
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