मुजफ्फरनगर दंगा: सुबूतों के अभाव में 16 आरोपी बरी

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ANI

सोहनवीर सिंह के बेटे जोगेंद्र सिंह ने भोपा थाने में मामला दर्ज कराया था। सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हो गये थे।

मुजफ्फरनगर की एक अदालत ने मंगलवार को 2013 में जिले में हुए दंगों के मामले में 16 आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया। अपर जिला न्यायाधीश (त्वरित सुनवाई अदालत) निशांत सिंगला ने 18 अप्रैल को सभी 16 आरोपियों को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा है।

विशेष शासकीय अधिवक्ता नरेंद्र शर्मा ने बताया कि एसआईटी ने नगला बजुर्ग गांव के निवासी 16 आरोपियों नजर मोहम्मद, कासिम, जहीर, गयूर, मीर हसन, खालिद, गुलशेर, शमशाद, मुस्तफा, जानमोहम्मद, असगर, फारुख, अनवर, जान मोहम्मद, जावेद, मोहम्मद अय्यूब के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया था।

उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने 2013 में जिले के भोपा थाना क्षेत्र के नगला बुजुर्ग के पास अपने गांव भोकाहेड़ी में नगला मदोर में एक पंचायत में भाग लेने के बाद लौट रहे सोहनवीर सिंह सहित कई लोगों की ट्रैक्टर-ट्रॉली पर धारदार हथियारों और लाठियों से हमला किया था जिसमें सोहनवीर सिंह की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।

सोहनवीर सिंह के बेटे जोगेंद्र सिंह ने भोपा थाने में मामला दर्ज कराया था। सितंबर 2013 में मुजफ्फरनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 40 हजार से अधिक लोग बेघर हो गये थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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