पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ की मुस्लिम महिला ने की तारीफ, पति ने कह दिया- तलाक तलाक तलाक! गला घोटने की भी कोशिश की
उत्तर प्रदेश के बहराइच की एक विवाहित मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि अयोध्या के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने पर उसके पति ने उसे "तीन तलाक" दे दिया।
उत्तर प्रदेश के बहराइच की एक विवाहित मुस्लिम महिला ने आरोप लगाया है कि अयोध्या के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा करने पर उसके पति ने उसे "तीन तलाक" दे दिया। पुलिस ने व्यक्ति और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसकी सास, पति और अन्य लोगों ने उसे बेरहमी से पीटा। उसने दावा किया कि उसके पति के परिवार ने उसका गला घोंटने की भी कोशिश की।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने अपनी रिपोर्ट में महिला के हवाले से कहा “मैं बहराइच के थाना जरवल रोड के मोहल्ला सराय की रहने वाली हूँ। 13 दिसंबर 2023 को मेरी शादी अयोध्या के कोतवाली नगर के मोहल्ला दिल्ली दरवाजा निवासी इस्लाम के बेटे अरशद से हुई थी। मेरे पिता ने दोनों पक्षों की सहमति से और अपनी हैसियत से ज़्यादा खर्च करके मेरी शादी करवाई।
उन्होंने बताया, "शादी के बाद जब मैं शहर में घूमने गई तो मुझे अयोध्या धाम की सड़कें, वहां का सौंदर्यीकरण, विकास और माहौल बहुत पसंद आया। इस पर मैंने अपने पति के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की।" इसके बाद पति ने उसे वापस मायके भेज दिया। उसने कथित तौर पर उस पर गरम दाल का पैन भी फेंका। कुछ समय बीतने पर रिश्तेदार ने बीच-बचाव किया।
इसके बाद महिला अपने पति के साथ अयोध्या लौट आई। जरवल रोड थाना प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) बृजराज प्रसाद ने बताया कि महिला को अपने पति के साथ रहना पड़ा। हालांकि, एसएचओ के अनुसार, पति ने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को अपशब्द कहे और तलाक, तलाक, तलाक बोलकर उसे तलाक दे दिया। उसने यह भी आरोप लगाया कि जिस दिन उसने तलाक दिया, उस दिन उसके पति ने उसके साथ मारपीट भी की।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर महिला के पति अरशद, सास रायशा, ससुर इस्लाम, ननद कुलसुम, देवर फरान और शफाक तथा ननद सिमरन समेत आठ लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने बताया कि मारपीट, गाली-गलौज, धमकी, दहेज निषेध अधिनियम तथा मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
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