महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाला : ED ने शरद पवार के पोते की चीनी मिल को किया कुर्क
ईडी ने एक बयान में कहा कि औरंगाबाद के कन्नड गांव में स्थित कन्नड सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड की 161.30 एकड़ जमीन, संयंत्र, मशीनरी एवं भवन को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत अंतरिम रूप से कुर्क किया गया है। उसने कहा कि इन संपत्तियों का कुल मूल्य 50.20 करोड़ रुपये है।
नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को कहा कि उसने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार के पोते रोहित पवार के स्वामित्व वाली एक चीनी मिल की 50 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की संपत्ति कुर्क की है। यह कार्रवाई कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (एमएससीबी) घोटाले में ईडी द्वारा की जा रही धनशोधन जांच से जुड़ी है। ईडी ने एक बयान में कहा कि औरंगाबाद के कन्नड गांव में स्थित कन्नड सहकारी साखर कारखाना लिमिटेड (कन्नड एसएसके) की 161.30 एकड़ जमीन, संयंत्र, मशीनरी एवं भवन को धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत अंतरिम रूप से कुर्क किया गया है। उसने कहा कि इन संपत्तियों का कुल मूल्य 50.20 करोड़ रुपये है। कन्नड एसएसके का ‘‘स्वामित्व’’ रोहित पवार की कंपनी बारामती एग्रो लिमिटेड के पास है।
रोहित पवार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के विधायक भी हैं। ईडी ने दावा किया कि बारामती एग्रो लिमिटेड द्वारा कन्नड एसएसके का ‘अधिग्रहण’ गैर कानूनी है , इसलिए इस तरह अर्जित की गयी संपत्तियां पीएमएलए के तहत ‘अपराध की कमाई’ है। महाराष्ट्र की कर्जत-जामखेड विधानसभा सीट से विधायक 38 वर्षीय रोहित पवार से ईडी पहले दो बार पूछताछ कर चुकी है। उससे पहले ईडी ने जनवरी में बारामती एग्रो, कन्नड एसएसके और कुछ अन्य संगठनों के परिसरों की तलाशी ली थी।
ईडी ने कहा कि कन्नड एसएसके लिमिटेड के 80.56 करोड़ रुपये के पुराने ऋण को वसूलने के लिए एमएससीबी ने ‘वित्तीय आस्तियों का प्रतिभूतिकरण और पुनर्गठन तथा प्रतिभूति हित का प्रवर्तन(सरफासी)’ अधिनियम के तहत 13 जुलाई, 2009 को उसकी सभी संपत्तियां अपने कब्जे में ले लिया था। ईडी ने आरोप लगाया कि एमएससीबी ने ‘बहुत कम’ आरक्षी मूल्य तय करते हुए 30 अगस्त, 2012 को कन्नड एसएसके की नीलीमी की थी। उसने कहा, ‘‘बारामती एग्रो लिमिटेड के अलावा दो अन्य पार्टियों ने भी इस निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लिया था।
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सबसे ऊंची बोली लगाने वाले निविदाकर्ता को मामूली वजहों से तकनीकी रूप से अयोग्य ठहरा दिया गया जबकि अन्य निविदाकर्ता बारामती एग्रो लिमिटेड का करीबी व्यापारिक साझेदार था और उसकी कोई वित्तीय क्षमता नहीं थी या उसे उसे चीनी इकाई चलाने का अनुभव नहीं था। रोहित पवार ने पहले संवाददाताओं से कहा था कि आर्थिक अपराध शाखा इस मामले में पहले ही ‘क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है’ जबकि ईडी उनसे पूछताछ कर रही है। एमएससीबी धनशोधन अधिनियम मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा द्वारा अगस्त, 2019 में दर्ज की गयी प्राथमिकी पर आधारित है।
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