मोदी ने सामाजिक कार्यकर्ताओं से कहा- कोरोना पर गलत सूचना और अंधविश्वास को करें दूर
प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क । Mar 30 2020 6:29PM
समाज सेवा में लगे संगठनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए मूलभूत जरूरतों की व्यवस्था करने में वे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और रोगियों तथा जरूरतमंदों की सेवा में अपनी चिकित्सा सुविधाओं और स्वयंसेवियों को लगा सकते हैं।
नयी दिल्ली। समाज कल्याण में लगे संगठन कोरोना वायरस से जुड़े अंधविश्वासों और गलत सूचना को दूर करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। यह बात सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कही। प्रधानमंत्री ने कहा कि धर्म के नाम पर लोग सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर विभिन्न जगहों पर इकट्ठा हो रहे हैं। इसलिए उन्हें सामाजिक दूरी के महत्व के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है ताकि घातक वायरस के प्रसार को रोका जा सके। समाज सेवा में लगे संगठनों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि गरीबों के लिए मूलभूत जरूरतों की व्यवस्था करने में वे बड़ी भूमिका निभा सकते हैं और रोगियों तथा जरूरतमंदों की सेवा में अपनी चिकित्सा सुविधाओं और स्वयंसेवियों को लगा सकते हैं।
प्रधानमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी बयान में मोदी के हवाले से बताया गया कि देश ‘‘अभूतपूर्व संकट’’ का सामना कर रहा है और उसे ‘‘इन संगठनों और उनके संसाधनों की अभी बहुत जरूरत है।’’ मोदी ने कहा कि वायरस के संक्रमण से उत्पन्न चुनौती से निपटने के लिए देश को अल्प अवधि वाले उपाय और दीर्घ अवधि वाले दृष्टिकोण दोनों की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, ‘‘इन संगठनों की तीन विशिष्टताएं हैं -- मानवीय दृष्टिकोण, व्यापक पहुंच औरलोगों से जुड़ाव तथा सेवा करने की मानसिकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए उन पर इतना विश्वास किया जाता है।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी कहा करते थे कि गरीबों और पिछड़ों की सेवा करना ही देश की सेवा करना है। बयान में कहा गया कि प्रधानमंत्री ने मानवता की सेवा में जुटे संगठनों की प्रतिबद्धता की प्रशंसा की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भिन्न-भिन्न सोशल वेल्फेयर संगठनों के सदस्यों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। pic.twitter.com/qcqpTKei7L
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 30, 2020
डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।
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