किसानों को साधने में जुटी मोदी सरकार, शिवराज ने किसान संघों से की बात, बोले- संवाद का सिलसिला जारी रहेगा

Shivraj
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अंकित सिंह । Sep 24 2024 12:25PM

भाजपा नेता ने कहा कि आज मैंने अलग-अलग किसान संगठनों से बातचीत की है। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान हित में लिए गए निर्णयों की प्रशंसा की। प्रत्येक मंगलवार को किसानों तथा किसान संगठनों के साथ जो संवाद हमने प्रारंभ किया है, वह सबके मन को भाया है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंटरनेशनल गेस्ट हाउस के बोर्ड मीटिंग हॉल में किसानों और किसान संघ से बातचीत की। इस दौरान शिवराज ने किसानों की बात सुनी और उनके समस्याओं के समाधान का भरोसा दिलाया। शिवराज ने कहा कि कृषि देश की रीढ़ है और किसान आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना भगवान की पूजा करने जैसा है। उन्होंने कहा कि मैं किसान संघ के नेताओं से मिला और उन्होंने कई सुझाव दिये। हम उन सुझावों पर काम कर रहे हैं। उनमें से कुछ फसलों, फसल बीमा योजना और फसलों के नुकसान के बारे में हैं 

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भाजपा नेता ने कहा कि आज मैंने अलग-अलग किसान संगठनों से बातचीत की है। किसानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किसान हित में लिए गए निर्णयों की प्रशंसा की। प्रत्येक मंगलवार को किसानों तथा किसान संगठनों के साथ जो संवाद हमने प्रारंभ किया है, वह सबके मन को भाया है। संवाद का यह क्रम निरंतर चलता रहेगा। आपको बता दें क पिछले दिनों मोदी सरकार और किसानों के बीच लगातार तनातनी रही है। यही कारण है कि अप शिवराज के जरिे मोदी सरकार किसानों को साधने में लगी हुई है। 

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संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले किसानों ने रविवार को पिपली में ‘किसान महापंचायत’ की और लोगों से आगामी हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को हराने का आह्वान किया। दोनों किसान संगठन फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी समेत उनकी मांगों को स्वीकार करने के वास्ते सरकार पर दबाव बनाने के लिए ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं, जब सुरक्षा बलों ने उनके मार्च को रोक दिया था। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के किसानों ने पिपली में ‘किसान महापंचायत’ में हिस्सा लिया और अपनी मांगों के समर्थन में तीन अक्टूबर को देशभर में ‘रेल रोको’ आंदोलन करने का भी फैसला किया। 

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