लद्दाख सीमा विवाद: जयराम रमेश ने सरकार पर साधा निशाना, कहा- राजनीतिक दलों को जानकारी नहीं दे रहे मौनेंद्र मोदी
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया था। वाजपेयी और दूसरे नेताओं ने नेहरू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि संसद का सत्र बुलाया जाए।
नयी दिल्ली। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि लद्दाख में सीमा विवाद पर वह राजनीतिक दलों और पूर्व प्रधानमंत्रियों को जानकारी नहीं दे रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ चीन ने 1962 में भारत पर हमला किया था। वाजपेयी और दूसरे नेताओं ने नेहरू को पत्र लिखकर आग्रह किया कि संसद का सत्र बुलाया जाए। नेहरू ने इस मांग को स्वीकार किया और अपनी नीतियों की कड़ी आलोचनाओं को सुना।’’ उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अब हमारे यहां ‘मौनेंद्र मोदी’ हैं। वह पूर्व प्रधानमंत्रियों एवं राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी भी नहीं दे रहे हैं।’’
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वहीं पार्टी ने लद्दाख सीमा विवाद पर राहुल गांधी की टिप्पणी को लेकर सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों के एक समूह द्वारा उनकी आलोचना किए जाने के बाद बृहस्पतिवार को पलटवार करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र में आवाज दबाने की कोशिश है और इन लोगों को यह बताना चाहिए कि वे किस संस्था या राजनीतिक दल से जुड़े हुए हैं। पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने यह भी कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी है, लेकिन सरकार को इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर राजनीतिक दलों और जनता को विश्वास में लेना चाहिए। दरअसल, सेवानिवृत्त अधिकारियों के एक समूह ने एक बयान जारी कर कहा था कि पाकिस्तान पर राहुल गांधी के पूर्व में दिए गए बयानों को पाकिस्तान सरकार एवं सेना ने ‘‘इस्तेमाल किया और उनका समर्थन किया, जिससे राष्ट्र विरोधी ताकतों को बढ़ावा मिला।’’ इन सेवानिवृत्त अधिकारियों में एयर वाइस मार्शल (सेवानिवृत्त) संजीब बारदोलोई, एयर कमोडोर (सेवानिवृत्त) पी सी ग्रोवर और ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) दिनकर अदीब शामिल हैं।
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कांग्रेस का आरोप है कि बयान जारी करने वाले में बहुत लोगों का ताल्लुक सत्तारूढ़ पक्ष से है। इस बारे में पूछे जाने पर सिंघवी ने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘पहला प्रश्न यही है कि यह चिट्ठी क्यों लिखी की गई और किसकी तरफ से लिखी गई है। लिखने वालों को यह भी बताना चाहिए कि वे किस संस्था या दल से जुड़े हैं। इस चिट्ठी में ऐसी बू आ रही है कि आप लोकतंत्र में लोगों की आवाज दबाना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने कई बार कहा है कि हम राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार के साथ हैं। लेकिन हम यह भी चाहते हैं कि आप हमें विश्वास में लीजिए और यह बताइए कि कितने किलोमीटर अंदर तक चीन के सैनिक आ गए हैं।’’ सिंघवी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि चीन के सैनिक अच्छी-खासी संख्या में आए हैं। बाद में पत्र सूचना कार्यालय की तरफ से इस पर सफाई दी गई।
China attacked India in 2 phases starting Oct 20 1962. Vajpayee & others wrote to Nehru demanding Parliament be convened. Nehru readily accepted & listened to blistering criticism of his policies.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) June 11, 2020
Now we have Maunendra Modi. Not even a briefing to former PMs/pol party leaders!
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