Manipur Violence: अमित शाह ने रद्द किया कर्नाटक चुनाव प्रचार, स्थिति पर रख रहे पैनी नजर

Amit Shah
ANI
अंकित सिंह । May 5 2023 2:17PM

अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बातचीत की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली। केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के दल भेजे हैं।

मणिपुर के कुछ हिस्सों में हुई झड़पों के मद्देनजर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपने सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया है। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है। खबर के मुताबिक शाह मणिपुर में स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं। राज्य में अधिकारियों के साथ मौजूदा स्थिति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए किए जा रहे उपायों के बारे में बैठकों पर भी नजर रख रहे हैं। गुरुवार को शाह ने अपनी सभी चुनावी सभाओं को रद्द कर दिया, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कई बैठकें कीं और कानून और व्यवस्था की स्थिति पर पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बात की।

  

इसे भी पढ़ें: मणिपुर में हालात इतने खराब कैसे हुए, क्या है नागा-कुकी और मैतेई विवाद, समाधान का रास्ता क्या है, 10 प्वाइंट में पूरा मामला समझें

अमित शाह ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से बातचीत की और वहां आदिवासी आंदोलन के दौरान भड़की हिंसा के बारे में जानकारी ली। केन्द्र मणिपुर के हालात पर करीब से नजर रख रहा है और उसने पूर्वोत्तर राज्य के हिंसा प्रभावित इलाकों में तैनाती के लिए त्वरित कार्य बल (आरएएफ) के दल भेजे हैं। इसके अलावा अमित शाह ने मणिपुर के पड़ोसी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने राज्य के शीर्ष अधिकारियों और केंद्रीय अधिकारियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठकें कर हालात की समीक्षा की। सूत्रों के मुताबिक, शाह ने नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा और असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा से फोन पर बात की।

इसे भी पढ़ें: Manipur Violence | मणिपुर हिंसा हुई जानलेवा! इंफाल में बीजेपी विधायक पर भीड़ ने हमला किया, हालत गंभीर

मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के बीच हिंसा भड़कने के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बृहस्पतिवार को राज्य सरकार ने ‘‘गंभीर स्थिति’’ में देखते ही गोली मारने का आदेश जारी किया। वहीं, स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेना और असम राइफल्स के 55 ‘कॉलम’ को तैनात किया गया है। हिंसा के कारण 9,000 से अधिक लोग विस्थापित हो गए हैं। नगा और कुकी आदिवासियों द्वारा ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किए जाने के बाद बुधवार को हिंसा भड़क गई, जिसने रात में और गंभीर रूप ले लिया। राज्य की आबादी में 53 प्रतिशत हिस्सा वाले गैर-आदिवासी मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के खिलाफ चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) द्वारा बुलाए गए ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान बुधवार को हिंसा भड़क गई थी।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़