Prabhasakshi NewsRoom: Manipur में कुकी उग्रवादियों की अब खैर नहीं, RSS ने भी राज्य के हालात पर गंभीर चिंता जताई

manipur
ANI
Neeraj Kumar Dubey । Nov 19 2024 11:55AM

मणिपुर में राजग विधायकों की बैठक के बाद बयान में कहा गया है कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सभी आवश्यक कदम जल्द से जल्द उठाएंगी। विधायकों ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हमले की भी निंदा की।

मणिपुर की स्थिति पर केंद्र सरकार लगातार निगाह बनाये हुए है साथ ही राज्य सरकार को साफ निर्देश दिये हैं कि उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। इस काम में राज्य सरकार की मदद के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बल भी भेज दिये गये हैं। आरएसएस ने भी केंद्र और मणिपुर सरकार से कहा है कि शांति व्यवस्था को जल्द से जल्द कायम किया जाना चाहिए। इस बीच, राज्य सरकार ने जिरीबाम मामले की जांच के लिए एक समिति गठित कर दी है ताकि लोगों का आक्रोश कुछ शांत हो। इसके अलावा एनपीपी की ओर से मणिपुर सरकार से समर्थन वापस लिये जाने के बाद एनडीए विधायकों की बैठक हुई जिसमें राज्य सरकार का मजबूती से समर्थन करने का संकल्प दोहराया गया और कुकी उग्रवादियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर अभियान शुरू करने पर सहमति बनी।

हम आपको बता दें कि मणिपुर में सत्तारुढ़ भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के विधायकों की एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमें जिरीबाम जिले में तीन महिलाओं और तीन बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिन में ‘‘बड़े पैमाने पर अभियान’’ चलाने का आह्वान किया गया। हम आपको बता दें कि सोमवार रात को हुई इस बैठक में 27 विधायकों ने भाग लिया। बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि छह निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों के खिलाफ सात दिन के भीतर बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया जाए। बयान में कहा गया है कि छह निर्दोष महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए जिम्मेदार कुकी उग्रवादियों को सात दिन के भीतर ‘गैर कानूनी संगठन’ घोषित किया जाए। प्रस्ताव में कहा गया है कि मामले को जांच के लिए तुरंत राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) को सौंपा जाए।

इसे भी पढ़ें: Amit Shah on Manipur Violence: मणिपुर में बिगड़ रहे हालात, अमित शाह ने ले लिया ये बड़ा फैसला

राजग विधायकों की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार 14 नवंबर के आदेश के अनुसार तत्काल प्रभाव से अफस्पा (सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम) लागू करने की समीक्षा करेगी। बयान में कहा गया है कि यदि इन प्रस्तावों को निर्धारित अवधि के भीतर लागू नहीं किया जाता है, तो सभी राजग विधायक मणिपुर के लोगों के परामर्श से आगे की कार्रवाई तय करेंगे। बयान में कहा गया है कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें सभी आवश्यक कदम जल्द से जल्द उठाएंगी। विधायकों ने मंत्रियों और विधायकों की संपत्तियों पर हमले की भी निंदा की। वहीं मुख्यमंत्री सचिवालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उच्चाधिकार प्राप्त समिति के निष्कर्षों के आधार पर उपद्रवियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।

इस बीच, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने मणिपुर में हुई ताजा हिंसा की निंदा की है और केंद्र एवं राज्य सरकार से मांग की है कि वे टकराव की इस स्थिति का ‘‘गंभीरतापूवर्क’’ समाधान करें। आरएसएस की मणिपुर इकाई ने रविवार को एक बयान में कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मणिपुर में तीन मई, 2023 से शुरू हुई 19 महीने पुरानी हिंसा की स्थिति अभी तक अनसुलझी है। जारी हिंसा के कारण निर्दोष लोगों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है।’’ बयान में कहा गया है कि आरएसएस मणिपुर प्रांत महिलाओं और बच्चों की हत्या के ‘‘अमानवीय, क्रूर और निर्दयी’’ कृत्यों की कड़ी निंदा करता है। बयान में कहा गया है, ‘‘यह कृत्य कायरतापूर्ण है और मानवता तथा सह-अस्तित्व के सिद्धांतों के विरुद्ध है। केंद्र और राज्य सरकार को जारी संघर्ष का गंभीरतापूर्वक यथाशीघ्र समाधान करना चाहिए।''

दूसरी ओर, मणिपुर सरकार ने कहा है कि उसने जिरीबाम जिले में गोलीबारी की घटना के कारणों की जांच के लिए दो-सदस्यीय जांच समिति गठित की है। हम आपको बता दें कि इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। इसके अलावा, जिरीबाम के बाबूपारा इलाके में रविवार रात को संपत्ति को नुकसान पहुंचा रही भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच झड़प के दौरान गोलीबारी में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई और एक अन्य घायल हो गया। पुलिस यह पुष्टि नहीं कर पाई कि गोलीबारी किसने की, जबकि प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि गोलीबारी सुरक्षा बलों की ओर से की गई। गृह विभाग द्वारा जारी नोटिस के अनुसार, समिति की अध्यक्षता पुलिस महानिरीक्षक (खुफिया) के. कबीब करेंगे, और पुलिस उपमहानिरीक्षक (तृतीय रेंज) निंगसेन वोरंगम इसके सदस्य होंगे। बयान में कहा गया है कि समिति घटना के कारणों और परिस्थितियों की जांच करेगी और यह पता लगाएगी कि क्या अधिकारियों सहित किसी व्यक्ति की ओर से कोई गड़बड़ी थी। समिति को 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।

उधर, मणिपुर के कुकी संगठनों के एक मंच ने कहा है कि जिरीबाम जिले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के साथ कथित गोलीबारी में मारे गए 10 कुकी-जो युवकों के प्रति श्रद्धांजलि और एकजुटता प्रकट करने के लिए वे मंगलवार को चुराचांदपुर में एक ‘ताबूत रैली’ निकालेंगे। जोमी छात्र संघ (जेडएसएफ), कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और हमार छात्र संघ (एचएसए) ने एक ‘संयुक्त सार्वजनिक नोटिस’ में विद्यालयों और महाविद्यालयों को निर्देश दिया कि वे कक्षा 10वीं से ऊपर के विद्यार्थियों को काली शर्ट पहनकर इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए भेजें। आयोजकों में से एक ने मीडिया को बताया कि वे मारे गए युवकों के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए प्रतीकात्मक रूप से 10 ‘डमी’ ताबूत ले जाएंगे, क्योंकि मारे गए युवकों के शव अब भी स्थानीय अस्पताल के मुर्दाघर में रखे गए हैं। मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के प्रमुख संगठन ‘इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) ने कहा है कि मारे गए 10 युवकों की अंत्येष्टि तब तक नहीं की जाएगी जब तक कि उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट उनके परिवारों को सौंप नहीं दी जाती।

हम आपको यह भी बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लगातार दूसरे दिन मणिपुर की सुरक्षा स्थिति और वहां सुरक्षाबलों की तैनाती की समीक्षा की। शाह ने शीर्ष अधिकारियों को जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में जल्द से जल्द शांति एवं व्यवस्था बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करने का निर्देश दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय मणिपुर में मौजूदा ‘अस्थिर’ स्थिति से निपटने में राज्य सरकार की मदद के लिए लगभग 5,000 अर्धसैनिक बलों को भी वहां भेज रहा है।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़