Mani Shankar Iyer की Daughter Suranya Iyer ने राम मंदिर के खिलाफ किया नफरत का इजहार, RWA ने सुनाया मोहल्ला छोड़ने का फरमान

Mani Shankar Iyer
ANI

राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर द्वारा इस महीने की शुरुआत में अनशन किए जाने पर नाराजगी जताते हुए दक्षिण दिल्ली के जंगपुरा में एक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने पिता-पुत्री को कॉलोनी छोड़ने का सुझाव दिया है।

कांग्रेस के बड़बोले नेता मणिशंकर अय्यर तो अक्सर विवादित बयानों के जरिये अपनी पार्टी के लिए समय-समय पर मुश्किलें खड़ी करते ही रहते हैं लेकिन उनकी बेटी भी उनसे कम नहीं हैं। समूचा विश्व जब राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान राम नाम जप रहा था तब मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर राम मंदिर के विरोध में अनशन कर रही थीं। इस बात का खुलासा जब खुद सुरन्या ने किया तो हंगामा खड़ा हो गया। वह दिल्ली की जिस कॉलोनी में रहती हैं वहां की आरडब्ल्यूए ने उनके अनशन पर आपत्ति जताते हुए उन्हें रहने के लिए दूसरा मोहल्ला तलाशने का फरमान सुना दिया है।

हम आपको बता दें कि अयोध्या के राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के खिलाफ कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर की बेटी सुरन्या अय्यर द्वारा इस महीने की शुरुआत में अनशन किए जाने पर नाराजगी जताते हुए दक्षिण दिल्ली के जंगपुरा में एक रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (आरडब्ल्यूए) ने पिता-पुत्री को कॉलोनी छोड़ने का सुझाव दिया है। हालांकि, सुरन्या अय्यर ने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर पोस्ट एक वीडियो में कहा कि वह आरडब्ल्यूए से संबंधित कॉलोनी में नहीं रहतीं और उन्हें उससे कोई "नोटिस" नहीं मिला है। सुरन्या अय्यर ने कहा कि फिलहाल उन्होंने इस मुद्दे पर मीडिया से बात नहीं करने का फैसला किया है। संपर्क किये जाने पर मणिशंकर अय्यर ने भी इस पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।

हम आपको बता दें कि मणिशंकर अय्यर एवं उनकी बेटी को संबोधित एक पत्र में, जंगपुरा एक्सटेंशन रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल कक्कड़ ने कहा कि कॉलोनी के निवासियों ने सोशल मीडिया पर उनके रुख और ‘अनर्गल प्रलाप’ और 20-23 जनवरी तक अनशन को लेकर एसोसिएशन से संपर्क किया था। पत्र में कहा गया है कि यह देखना आरडब्ल्यूए की जिम्मेदारी है कि सभी निवासियों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध रहे और ‘‘हम निवासियों के ऐसे अनर्गल प्रलाप से सहमत नहीं होते जिससे कॉलोनी में शांति भंग हो सकती है या निवासियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है।’’ यह पत्र 27 जनवरी को लिखा गया। आरडब्ल्यूए ने सुरन्या अय्यर पर "घृणा फैलाने वाली टिप्पणी" करने का आरोप लगाया और उनसे एक अच्छे नागरिक के मानदंडों का पालन करने का अनुरोध किया। आरडब्ल्यूए ने दावा किया कि कॉलोनी में विभाजन के बाद पाकिस्तान से भारत आए निवासी रहते हैं।

कक्कड़ ने पत्र में मणिशंकर अय्यर से अपनी बेटी के कदम की "निंदा" करने का अनुरोध करते हुए कहा कि आरडब्ल्यूए इसकी अत्यधिक सराहना करेगा, क्योंकि यह (सुरन्या की टिप्पणी एवं व्यवहार) कॉलोनी के लिए अच्छा नहीं है। कक्कड़ ने पत्र में कहा, "यदि आप अब भी सोचते हैं कि अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन का विरोध उचित है, तो हम आपको सुझाव देंगे कि कृपया किसी अन्य कॉलोनी में चले जाएं...।" उन्होंने कहा कि पत्र मणिशंकर अय्यर को भेजा गया है।

दूसरी ओर, सुरन्या अय्यर ने फेसबुक वीडियो में कहा, "सबसे पहले, संबंधित रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन उस कॉलोनी से है जहां मैं नहीं रहती। दूसरी बात, मैंने फिलहाल मीडिया से बात नहीं करने का फैसला किया है।" उन्होंने "भ्रम" फैलाने के लिए मीडिया की भी आलोचना की। 49 वर्षीय सुरन्या अय्यर ने कहा कि उन्होंने विदेश में पढ़ाई की है और सभी राजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ सक्रियता से जुड़ी रहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने फेसबुक और यूट्यूब पेज पर अपना काम आपके स्वयं के विचार के लिए छोड़ती हूं। मैं मीडिया सर्कस से बचने की कोशिश करूंगी क्योंकि मेरा मानना है कि भारत में हम सभी बेहतर के हकदार हैं। आइए हम एक-दूसरे को अपशब्द कहना बंद करें और इसके बजाय कुछ विचार करने की कोशिश करें। जय हिंद।’’ सुरन्या अय्यर ने कहा कि अपनी असहमति के कारणों को उन्होंने पिछले भाषण (वीडियो) में व्यक्त किया था। उन्होंने कहा, "मैंने अपने घर में शांतिपूर्वक उपवास करके इस बारे में अपने दर्द का एक आध्यात्मिक प्रदर्शन किया।" 

उधर, कक्कड़ ने कहा, "वह किस तरह की हिंदू हैं जो अपने ही धर्म का अपमान कर रही हैं। हमने उनसे अपने भड़काऊ बयानों पर खेद जताने को कहा है। हम इसे नजरअंदाज नहीं करेंगे।" उन्होंने कहा कि आरडब्ल्यूए को उनकी प्रतिक्रिया का इंतजार है। हम आपको याद दिला दें कि सुरन्या अय्यर ने 19 जनवरी को यूट्यूब पर पोस्ट एक वीडियो में कहा, ‘‘22 जनवरी को अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम के बीच, यहां दिल्ली का माहौल... जहरीला बन गया है।" उन्होंने कहा कि एक भारतीय और हिंदू होने के नाते वह बेहद दुखी हैं और काफी सोचने के बाद 20 जनवरी से 23 जनवरी तक अनशन पर रहने का फैसला किया है।

दूसरी ओर, इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कहा कि आरडब्ल्यूए का कदम उन सभी के लिए एक संदेश होना चाहिए जो मानते हैं कि हिंदू मान्यताओं के बारे में अनर्गल प्रलाप सामान्य चीज है। भाजपा आईटी विभाग के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि आरडब्ल्यूए ने कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर और उनकी बेटी से राममंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बारे में टिप्पणी को लेकर माफी मांगने और आवासीय कॉलोनी छोड़ने के लिए कहा है। गौरतलब है कि अयोध्या में 22 जनवरी को नवनिर्मित राममंदिर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित किया गया था।

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