बिहार में खत्म हुआ आदमखोर बाघ का आतंक, वन विभाग की टीम ने उतारा मौत के घाट
बिहार के बगहा में आदमखोर बाघ का आतंक अब खत्म हो गया है। वन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर इस बाघ को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है। इस बाघ को देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए थे। हाल ही में इस बाघ ने 10 लोगों को मौत के घाट उतारा था।
बिहार के बगहा में 10 लोगों की जान लेने वाले आदमखोर बाघ का आतंक अब खत्म हो गया है। बाघ के पीछे लगी टीम ने बाघ को कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार की दोपहर मार गिराया है। जानकारी के मुताबिक बाघ इलाके के ही एक गन्ने के खेत में छिपा था जहां रेस्क्यू टीम ने उसे घेर लिया।
टीम के शूटर्स ने बाघ को तीन गोलियां मारी, जो सीधे जाकर बाघ को लगी। गोली लगने पर बाघ दर्द से दहाड़ा। बाघ को जैसे ही गोली लगी वैसे ही टीम ने हर तरफ से बाघ को धीरे धीरे घेरना शुरू किया। बता दें कि इस आदमखोर बाघ ने हाल ही में आठ लोगों पर हमला कर उन्हें मौत के घाट उतारा था। जानकारी के अनुसार वाल्मीकि टाइगर रिजर्व का ये बाघ लगभग साढ़े तीन वर्ष का है। गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव में बाघ को पकड़ने जुटी वन विभाग और पुलिस की टीम ने उसे गन्ने के खेत में घेर कर हमला कर दिया।
दिए गए थे मारने के आदेश
गौरतलब है कि ये बाघ बीते छह महीनों में आठ लोगों को अपना शिकार बना चुका था। शनिवार की दोपहर में भी इस बाघ ने खेत में काम कर रही मां और बेटे को अपना शिकार बनाया। इससे पहले शुक्रवार को भी इसने गोबर्धना थाना क्षेत्र के 35 वर्षीय संजय महतो को अपना शिकार बनाया, जिसके बाद इस आदमखोर बाघ को देखते ही मारने के आदेश दिए गए थे। इस बाघ के कारण इलाके में हालत ऐसे हो गए थे कि लोग अपने घर से बाहर निकलने में असुरक्षित महसूस करते थे।
बाघ पकड़ने पहुंची टीम
इस आदमखोर बाघ को पकड़ने के लिए हैदराबाद से भी खास टीम आई। एक्सपर्ट के साथ डॉक्टर भी बाघ को पकड़ने में लगे रहे। जानकारी के मुताबिक बाघ को पकड़ने के लिए 60 फॉरेस्ट गार्ड, पांच वैन, चार बड़े जाल, दो ट्रैंकुलाइजर गन, दो ट्रैक्टर, 40 सीसीटीवी कैमरे और एक ड्रोन लगाए गए थे। बता दें कि बगहा में ये बाघ बीते नौ महीनों से आतंक मचा रहा था।
अबतक का पहला ऐसा मामला
जानकारी के मुताबिक अब तक इस इलाके में इतना खतरनाक बाघ कभी नहीं आया है जिसे जान से मारने के आदेश देने पड़े हों। आमतौर पर इन बाघों या जंगली जानवरों को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा जाता है। मगर बगघा में मिले इस बाघ जैसी घटना पहले देखने को नहीं मिली है।
रिजर्व में हैं 50 बाघ
जानकारी के मुताबिक वाल्मीकि टाइगर रिजर्व 1978 में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी के नाम से जानी जाती थी। इसे 1994 में टाइगर रिजर्व बनाया गया। इस रिजर्व में लगभग 50 बाघ है।
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