पैरा-टीचर्स को ममता की नसीहत, प्रदर्शन की बजाए छात्रों को पढ़ाने पर दें ध्यान
मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरा-टीचर्स की भर्ती पूर्व की वाम मोर्चा सरकार ने की थी। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने उनके वेतन में वृद्धि की थी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें 2011-2012 में चार हजार रुपए मिलते थे , हमने 2018 में इसे लगभग दो गुना कर दिया।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वेतन वृद्धि की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे पैरा-टीचर्स पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें प्रदर्शन करने के बजाए छात्रों को पढ़ाना चाहिए। पैरा-टीचर्स राज्य के सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में अनुबंध पर पढ़ाते हैं। इन संविदा शिक्षकों ने वेतन में वृद्धि की मांग को ले कर हाल ही में नदिया के कल्याणी में विरोध प्रदर्शन किया था जिसके लिए उन्हें कथित तौर पर पुलिस की लाठियों का भी सामना करना पड़ा था।बनर्जी ने सोमवार को हावड़ा में एक प्रशासनिक बैठक में कहा,‘‘पैरा-टीचर्स को मालूम होना चाहिए कि मैं उनका आदर करती हूं। आप युवा पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। पर क्या आपको प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए कक्षाएं लेना बंद कर देना चाहिए और काले बैज पहनने चाहिए?’’
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मुख्यमंत्री ने कहा कि पैरा-टीचर्स की भर्ती पूर्व की वाम मोर्चा सरकार ने की थी। उन्होंने दावा किया कि सत्ता में आने के बाद उनकी सरकार ने उनके वेतन में वृद्धि की थी। उन्होंने कहा, ‘‘उन्हें 2011-2012 में चार हजार रुपए मिलते थे , हमने 2018 में इसे लगभग दो गुना कर दिया। अभी एक ही साल गुजरा है और वे दोबारा वेतन वृद्धि की मांग कर रहे हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कॉलेजों के अल्पकालिक और पूर्णकालिक संविदा शिक्षकों की सेवाएं नियमित करने की भी घोषणा की। ये शिक्षक 60 वर्ष तक अपनी सेवाएं दे पाएंगे और ग्रेच्युटी की रकम एक लाख रुपए से बढ़ा कर तीन लाख रुपए की जाएगी।मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉलेजों के इन अल्पकालिक और पूर्णकालिक संविदा शिक्षकों को ‘स्टेट ऐडेड कॉलेज टीचर्स’ (एसएसीटी) कहा जाएगा।
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