Maharashtra: उद्धव ठाकरे ने गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग की, UCC पर बोले- हम इसका समर्थन करते हैं लेकिन...

उद्धव ने अपने बयान में कहा कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं, लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे केवल मुसलमानों को ही परेशानी होगी, बल्कि इससे हिंदुओं को भी परेशानी होगी और कई सवाल उठेंगे।
देश की राजनीति में समान नागरिक संहिता को लेकर हलचल लगातार जारी है। जब से 22 वें विधि आयोग ने इस पर अपने सुझाव मांगे हैं, उसके बाद से विपक्षी दल केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है। विपक्षी दलों का आरोप है कि अपनी नाकामयाबियों से ध्यान भटकाने के लिए मोदी सरकार इस पर फोकस कर रही है। वहीं, भाजपा का साफ तौर पर कहना है कि यह हमारा शुरू से एजेंडा रहा है और इस पर हम डटे हुए हैं। इन सब के पीछे महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का भी बड़ा बयान सामने आए हैं।
इसे भी पढ़ें: Uttrakhand में बोले राजनाथ सिंह, UCC को लेकर विवाद क्यों, यह हमारे देश के Directive Principles का हिस्सा
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा
उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने कुछ सवाल भी पूछे हैं। उन्होंने अपने बयान में कहा कि हम समान नागरिक संहिता का समर्थन करते हैं, लेकिन जो लोग इसे ला रहे हैं उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि इससे केवल मुसलमानों को ही परेशानी होगी, बल्कि इससे हिंदुओं को भी परेशानी होगी और कई सवाल उठेंगे। इसके साथ ही उन्होंने गोहत्या पर प्रतिबंध की मांग कर दी। उन्होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक गोवध पर प्रतिबंध लगाएं क्योंकि गोहत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। गोवा के पूर्व सीएम मनोहर पर्रिकर खुद कहते थे कि अगर राज्य में गायों की कमी होगी तो हम उनका आयात करेंगे।
इसे भी पढ़ें: Prajatantra: गर्मी के कारण UCC पर जवाब नहीं दे पाए नीतीश, पर्दे के पीछे कोई और खेल तो नहीं!
इससे पहले भी शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने रविवार को कहा था कि सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का स्वागत है, लेकिन क्या इसके लागू होने से हिंदुओं पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी के लिए समान नागरिक संहिता का स्वागत करते हैं लेकिन यह हिंदुओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा? अगर वे (भाजपा) पूरे देश में गोवध पर रोक नहीं लगा सकते तो कैसे यूसीसी को लागू करेंगे?’’ गौरतलब है कि विधि आयोग ने हाल में कहा कि उसने यूसीसी पर नए सिरे से विचार करने का फैसला किया है और हितधारकों से सुझाव आमंत्रित किया है, जिनमें आम लोग और धार्मिक संगठनों के सदस्य शामिल हैं।
अन्य न्यूज़