महाराष्ट्र चुनाव: बागियों को मैदान छोड़ने के लिए मनाने में जुटीं पार्टियां
पार्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और राज्य के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में बागियों को मनाने में जुटी है। इसी तरह की कोशिश सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना और विपक्षी कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) कर रही है।
मुंबई। महाराष्ट्र में होने वाले चुनाव में पार्टियां नामांकन भर चुके बागियों को मैदान छोड़ने के लिए मनाने में जुटी हैं। सोमवार को नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख है और अगर तमाम कोशिशों के बावजूद बागी डटे रहते हैं तो पार्टियों के प्रतिबद्ध मतों में बिखराव और नुकसान संभव है। बागियों से सबसे अधिक पीड़ित सत्तारूढ़ भाजपा के हैं जिसके 114 नेताओं ने 27 विधानसभा सीटों में आधिकारिक प्रत्याशियों के खिलाफ ताल ठोकी है।
पार्टी मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और राज्य के मंत्री चंद्रकांत पाटिल के नेतृत्व में बागियों को मनाने में जुटी है। इसी तरह की कोशिश सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना और विपक्षी कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) कर रही है। पंढरपुर सीट से कांग्रेस के स्थानीय नेता शिवाजीराव कलुंगे ने निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया है जबकि मौजूदा कांग्रेस विधायक भारत भालके राकांपा में शामिल हो गए हैं और इस चुनाव में कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के संयुक्त प्रत्याशी हैं।
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एक नेता ने बताया कि 2014 में पंढरपुर से कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी लेकिन सीट बंटवारे के तहत 2019 में यह सीट राकांपा को दे दी गई। शिरोल सीट पर कांग्रेस-राकांपा आधिकारिक रूप से अनिल मडनायक का समर्थन कर रहे हैं लेकिन यहां राकांपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र पाटिल यादरवकर ने बगावत कर निर्दलीय पर्चा भरा है और उन्हें मनाने की कोशिश जारी है। उल्लेखनीय है कि शनिवार की जांच के बाद 4,739 प्रत्याशियों का नामांकन वैध पाया गया। प्रत्याशी सोमवार तीन बजे तक नामांकन वापस ले सकते हैं।
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