माननीयों की बिगड़ी जुबान पर संसद में लगेगी लगाम, लोकसभा सचिवालय ने बनाई असंसदीय शब्‍दों की सूची, नहीं बोल पाएंगे ये शब्द

unparliamentary words
creative common
अभिनय आकाश । Jul 13 2022 5:52PM

लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिये जारी किये गए इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्यों को शामिल किया गया है।

संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई को आरंभ होकर 12 अगस्त तक चलेगा। इसमें कुल 26 दिनों की अवधि में 18 बैठकें होंगी। संसद का यह सत्र खास रहने वाला है, क्योंकि 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान होना है। दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति का चुनाव 6 अगस्त को होगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद के मानसून सत्र से पहले 16 जुलाई 2022 को शाम 4 बजे लोकसभा संसदीय नेताओं की बैठक बुलाई है। आपने अक्सर संसद में चर्चा के दौरान माननीयों की तरफ से कई सारे शब्दों का प्रयोग करते हुए सुना होगा जिसे बेहद चुटीले अंदाज में या फिर विरोधियों पर तंज कसते हुए कहा गया हो। लेकिन अब संसद में कुछ ऐशे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना गया है और इनका प्रयोग सदन में वर्जित होगा। 

इसे भी पढ़ें: 'देशहित के लिए हमारी आवाज हों एकजुट', PM मोदी बोले- बिहार विधानसभा का रहा अपना इतिहास, एक से बड़े एक लिए गए हैं साहसिक निर्णय

लोकसभा सचिवालय ने ‘‘ असंसदीय शब्द 2021 ’’ शीर्षक के तहत ऐसे शब्दों एवं वाक्यों का नया संकलन तैयार किया है जिन्हें ‘असंसदीय अभिव्यक्ति’ की श्रेणी में रखा गया है। संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले सदस्यों के उपयोग के लिये जारी किये गए इस संकलन में ऐसे शब्द या वाक्यों को शामिल किया गया है जिन्हें लोकसभा, राज्यसभा और राज्यों के विधानमंडलों में वर्ष 2021 में असंसदीय घोषित किया गया था। 

इसे भी पढ़ें: मालदीव की संसद के अध्यक्ष नशीद ने राजपक्षे की देश छोड़ने में की मदद, अभी तक नहीं दिया है इस्तीफा

संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सदस्य अब चर्चा में हिस्सा लेते हुए जुमलाजीवी, बाल बुद्धि सांसद, शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चाण्डाल चौकड़ी, गुल खिलाए, पिठ्ठू जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं कर सकेंगे। ऐसे शब्दों के प्रयोग को अमर्यादित आचरण माना जायेगा और वे सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं होंगे। संकलन के अनुसार, असंसदीय शब्द, वाक्य या अमर्यादित अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखे गए शब्दों में कमीना, काला सत्र, दलाल, खून की खेती, चिलम लेना, छोकरा, कोयला चोर, गोरू चोर, चरस पीते हैं, सांड जैसे शब्द शामिल हैं। ‘अध्यक्षीय पीठ पर आक्षेप’ को लेकर भी कई वाक्यों को असंसदीय अभिव्यक्ति की श्रेणी में रखा गया है। इसमें ‘आप मेरा समय खराब कर रहे हैं, आप हम लोगों का गला घोंट दीजिए, चेयर को कमजोर कर दिया है और यह चेयर अपने सदस्यों का संरक्षण नहीं कर पा रही है, आदि शामिल हैं। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़