सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और हत्या के मामले में तीन लोगों को आजीवन कारावास

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घटना के समय दुष्कर्म के आरोपी की आयु 17 वर्ष थी। यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत गठित विशेष त्वरित अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत पाराशर ने मामले में सुनवाई करते हुये इस संबंध में 29 जनवरी को आदेश पारित किया और इसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई।

बलौदा बाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले की एक त्वरित अदालत ने सात वर्षीय बच्ची से दुष्कर्म और उसके बाद उसकी हत्या के मामले में एक व्यक्ति, उसकी मां और एक अन्य व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। घटना के समय दुष्कर्म के आरोपी की आयु 17 वर्ष थी। यौन अपराध से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत गठित विशेष त्वरित अदालत के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रशांत पाराशर ने मामले में सुनवाई करते हुये इस संबंध में 29 जनवरी को आदेश पारित किया और इसकी प्रति बुधवार को उपलब्ध कराई गई। 

सरकारी अधिवक्ता समीर अग्रवाल ने बताया कि न्यायाधीश ने तीनों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), पॉक्सो और अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत दोषी ठहराया। उन्होंने बताया कि अभियोजन पक्ष के अनुसार बलौदा बाजार सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के एक गांव की निवासी पीड़िता 25 मई 2021 को जब अपने पड़ोसी के घर पर खेल रही थी तभी आरोपी उसे अपने साथ ले गया और दुष्कर्म किया।

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अधिवक्ता ने बताया कि आरोपी ने अपनी मां की मदद से गला दबाकर बच्ची की हत्या कर दी और एक अन्य आरोपी की मदद से शव को कुएं में फेंक दिया। उन्होंने बताया कि अगले दिन बच्ची का शव बरामद किया गया जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक सितंबर 2021 को मामले में आरोपपत्र दायर किया और इस मामले 29 गवाहों के बयान दर्ज किए गए।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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