भूमि मुआवजा मामला : आतिशी ने सौंपी रिपोर्ट; प्रथम दृष्टया मुख्य सचिव की मिलीभगत होने का आरोप

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दिल्ली सरकार के मंडलायुक्त अश्विनी कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और ‘‘गंदी राजनीति’’ का हिस्सा हैं।

दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी ने 670 पन्नों की एक जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सौंपी है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के एक मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की ‘‘प्रथम दृष्टया मिलीभगत’’ होने का आरोप लगाया गया है।

साथ ही, दावा किया गया है कि इससे हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ प्राप्त हुआ होगा। सरकारी सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। कुमार ने एक बयान में सवाल किया कि किस आधार पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, खासकर तब जबकि मुख्य सचिव ने पिछले साल यानी 2022 में ही कार्यभार संभाला था। रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है। ऐसे में कोई किस आधार पर प्रतिक्रिया दे सकता है।’

रिपोर्ट के मुताबिक, मंत्री ने निष्पक्ष जांच का मार्ग प्रशस्त करने के लिए मुख्य सचिव कुमार और संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार को उनके पदों से हटाने की सिफारिश की है। रिपोर्ट में, आतिशी ने कहा कि मुख्यमंत्री इसे सीधे उपराज्यपाल को भेज सकते हैं और सिफारिशें भी कर सकते हैं।

केजरीवाल ने पिछले हफ्ते उन्हें प्राप्त हुई एक शिकायत को जांच के लिए सतर्कता मंत्री के पास भेज दिया था। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली के मुख्य सचिव के बेटे एक रियल्टी फर्म में काम करते थे और उस कंपनी के एक निदेशक, सुभाष चंद कथूरिया के दामाद थे।

कथूरिया, दक्षिण-पश्चिम बामनोली गांव में अधिग्रहित भूमि के मालिकों में से एक थे तथा उन्हें इस सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवज़ा दिया गया था। सतर्कता मंत्री द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हासिल किया गया अनुचित लाभ पहले की सतर्कता रिपोर्ट की तुलना में काफी अधिक है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के तत्कालीन जिलाधिकारी हेमंत कुमार द्वारा अवैध एवं बढ़ा-चढ़ा कर निर्धारित किये गये मूल्य के आधार पर बामनोली गांव में 19.081 एकड़ भूमि के लिए कथुरिया को हासिल हुआ अनुचित लाभ 897.1 करोड़ रुपये रहा होगा। यह सतर्कता रिपोर्ट में प्रदर्शित किये गये 353.79 करोड़ रुपये के अनुमान से बहुत अधिक है।’’

रिपोर्ट में आरोप लगाया गया है कि कनेक्शन’’ और घटनाक्रम से प्रथम दृष्टया मुख्य सचिव की हेमंत कुमार और जमीन मालिकों के साथ मिलीभगत होने का पता चलता है।

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा बामनोली में अधिगृहीत की जा रही 19 एकड़ भूमि का मूल मूल्य इस साल मई में तत्कालीन जिलाधिकारी, दक्षिण पश्चिम हेमंत कुमार द्वारा 41 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये कर दिया गया था। बाद में, इस मामले में गृह मंत्रालय ने हेमंत कुमार को निलंबित कर दिया था।

दिल्ली सरकार के मंडलायुक्त अश्विनी कुमार ने सोमवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि मुख्य सचिव नरेश कुमार पर लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं और ‘‘गंदी राजनीति’’ का हिस्सा हैं।

सूत्रों ने कहा कि सीबीआई पहले से ही इसकी जांच कर रही है और मंत्री की रिपोर्ट जांच एजेंसी को भेजी जा सकती है ताकि सच्चाई सामने आ सके। सतर्कता मंत्री ने अपनी रिपोर्ट में, भूमि की खरीद और इसके मुआवजे में धन शोधन के पहलू की जांच के लिए इसे प्रवर्तन निदेशालय के पास भेजने की भी सिफारिश की है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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