राज्य की सहमति के बिना केंद्र ने कोरेगांव-भीमा मामले की जांच NIA को सौंप दी: देशमुख
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उसने 2018 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच को राज्य सरकार की सहमति के बिना एनआईए को स्थानांतरित कर दिया। मामले की जांच पुणे पुलिस कर रही थी।
मुंबई। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया कि उसने 2018 के कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच को राज्य सरकार की सहमति के बिना राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को स्थानांतरित कर दिया। मामले की जांच पुणे पुलिस कर रही थी। देशमुख ने शुक्रवार शाम ट्वीट किया कि महाराष्ट्र में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की नयी सरकार ने ‘‘मामले की तह तक’’ जाने का फैसला किया। इसके बाद केंद्र ने यह फैसला किया।
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राकांपा से जुड़े मंत्री ने कहा , ‘‘मैं इस फैसले की निंदा करता हूं। यह संविधान के खिलाफ है।’’ पुणे जिले में कोरेगांव-भीमा युद्ध स्मारक के पास एक जनवरी 2018 को हिंसा हुई थी। हर साल बड़ी संख्या में दलित यहां आते हैं। पुलिस ने दावा किया था कि पुणे में 31 दिसंबर 2017 को एल्गार परिषद में भड़काऊ भाषणों के कारण हिंसा हुई। बाद में तेलुगू कवि वरवर राव और सुधा भारद्वाज सहित वामपंथी झुकाव वाले कुछ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया।
Anil Deshmukh, Maharashtra Home Minister: Central government has handed over the investigation of Bhima-Koregaon case to National Investigation Agency (NIA) without the state government's permission. As the Home Minister of the state, I am raising my objection to it. pic.twitter.com/nbK1Mpom2r
— ANI (@ANI) January 24, 2020
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