सिर्फ विजयन की वजह से नहीं, सामूहिक प्रयास से केरल में जीत मिली: माकपा मुखपत्र
मुखपत्र के संपादक और माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करातइस संपादकीय में विजयन को ‘सुप्रीम लीडर’ (सर्वोच्च नेता) या ‘स्ट्रांग मैन’ (सशक्त व्यक्ति) कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए प्रतीत होते हैं।
नयी दिल्ली।केरल विधानसभा चुनाव में वाम मोर्चे की लगातार दूसरी बार जीत का श्रेय कई राजनीतिक टिप्पणीकारों की तरफ से भले ही मुख्यमंत्री पिनराई विजयन को दिया जा रहा हो, लेकिन माकपा के मुखपत्र ‘पीपुल्स डेली’ के संपादकीय में कहा गया है कि ‘व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास’ से यह ऐतिहासिक विजय मिली है। मुखपत्र के संपादक और माकपा के पूर्व महासचिव प्रकाश करातइस संपादकीय में विजयन को ‘सुप्रीम लीडर’ (सर्वोच्च नेता) या ‘स्ट्रांग मैन’ (सशक्त व्यक्ति) कहे जाने पर आपत्ति जताते हुए प्रतीत होते हैं।
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केरल में माकपा के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे (एलडीएफ) ने राज्य विधानसभा की 140 में से 99 सीटें हासिल करके चार दशक से चली आ रही हर पांच साल पर सत्ता परिवर्तन की परिपाटी को भी ध्वस्त कर दिया। इस प्रचंड जीत के साथ विजयन केरल में तीसरे ऐसे मुख्यमंत्री हो गए हैं जिनकी अगुवाई में लगातार दो चुनाव जीते गए तथा वह राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्हें पांच साल का एक कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरा कार्यकाल मिला है।
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संपादकीय में कहा गया है, ‘‘मीडिया के एक हिस्से और कुछ राजनीतिक टिप्पणीकारों द्वारा यह प्रयास किया जा रहा है कि इस ऐतिहासिक जीत को व्यक्तित्व और पिनराई विजयन की भूमिका तक सीमित कर दिया जाए। उनके मुताबिक, एक ‘सुप्रीम लीडर’ या ‘स्ट्रांग मैन’ का उदय ही एलडीएफ की सफलता का मुख्य कारण है। वे दावा करते हैं कि सरकार और पार्टी में एक व्यक्ति का वर्चस्व है।’’ इसमें आगे कहा गया है, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि मुख्यमंत्री के रूप में पिनराई विजयन ने नए मानदंड स्थापित किए हैं। बहरहाल, यह जीत व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास का परिणाम है।
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