Kashmir में हालात सुधरे तो वापस आकर पारिवारिक कारोबार को बढ़ावा देने में जुट गये हैं कश्मीरी युवा
प्रभासाक्षी से बात करते हुए उस्मान आज़ाद ने कहा कि उन्होंने पढ़ाई दिल्ली में की है लेकिन वह हमेशा कश्मीर में अपने लोगों की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि सरकारी नौकरियों में अवसर कम हैं, इसलिए मैंने नौकरियां प्रदान करना शुरू कर दिया।
कश्मीर के हालात में सुधार का एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि ऐसे कई युवा जोकि रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों या विदेश में चले गये थे वह अब लौट कर अपने पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ाने में लग गये हैं या कुछ नया बिजनेस खड़ा कर स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसरों का सृजन करने में लग गये हैं। ऐसे ही एक युवा उद्यमी हैं उस्मान आजाद जोकि श्रीनगर में महिलाओं और युवाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मुहैया करा रहे हैं। उनकी एक अखरोट फैक्ट्री है जहां बुजुर्ग महिलाएं काम करती हैं। उनकी एक ब्रेड फैक्ट्री है जहां ज्यादातर पुरुष और युवा काम करते हैं।
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प्रभासाक्षी से बात करते हुए उस्मान आज़ाद ने कहा कि उन्होंने पढ़ाई दिल्ली में की है लेकिन वह हमेशा कश्मीर में अपने लोगों की सेवा करना चाहते थे। उन्होंने कहा कि जैसा कि हम जानते हैं कि सरकारी नौकरियों में अवसर कम हैं, इसलिए मैंने नौकरियां प्रदान करना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि 1990 में उनके परिवार ने अखरोट का कारखाना शुरू किया था और बाद में यहां से अखरोट पूरे देश में भेजा जाने लगा था। रोजगार सृजन को अपनी प्राथमिकता करार देते हुए उन्होंने कहा कि इसके लिए मैंने श्रीनगर में एक होटल भी शुरू किया है। उस्मान आजाद ने कहा कि मैं युवाओं से गैरकानूनी गतिविधियों से दूर रहने और जिंदगी में कुछ करके दिखाने की अपील करता हूँ।
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