क्या केरल में है लॉकडाउन की आवश्यकता ? कर्नाटक ने तो सीमावर्ती गांवों को वैक्सीनेट करने का अभियान छेड़ा

अनुराग गुप्ता । Sep 2 2021 2:27PM
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम केरल सीमा से सटे गांवों में सबको वैक्सीनेट कर रहे हैं और रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सबकी जांच कर रहे हैं।
तिरुवनंतपुरम। केरल में लगातार कोरोना संक्रमण के 30 हजार से अधिक मामले सामने आ रहे हैं। प्रदेश में पिछले 24 घंटे में 32,803 नए मामले दर्ज किए गए। जिसके बाद पड़ोसी राज्य ज्यादा सतर्क हो गए। आपको बता दें कि कर्नाटक ने केरल सीमा से सटे गांवों में सभी को वैक्सीनेट करने का काम शुरू कर दिया और वहां से आने वाले लोगों को एक सप्ताह के लिए क्वारंटाइन करने का निर्देश जारी किया।
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केरल से आने वालों का होगा टेस्टसमाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हम केरल सीमा से सटे गांवों में सबको वैक्सीनेट कर रहे हैं और रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर सबकी जांच कर रहे हैं। केरल से आने वाले छात्रों व अन्य को एक सप्ताह के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा और उसके बाद उनका आरटी/पीसीआर टेस्ट किया जाएगा।लॉकडाउन लगाने की आवश्यकता !केरल में कोरोना टेस्ट पॉजिटिविटी दर ज्यादा है और कुछ जिलों में तो यह 20 प्रतिशत से भी ज्यादा है जो वायरस के प्रसार का प्रमाण है। ऐसी स्थिति में प्रदेश में सख्त लॉकडाउन की आवश्यकता जताई गई है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि कोरोना के प्रसार की तीव्रता को कम करने के लिए लॉकडाउन और रणनीतिक रोकथाम उपायों को लागू करने में हिचक है, जबकि तटीय राज्य में आने वाले नए मामलों की संख्या देश की कुल संख्या की तीन-चौथाई से अधिक है।इसे भी पढ़ें: केरल में कोरोना का कहर बरपा, मुरलीधरन ने विजयन सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कहा- सही कदम उठाएं
माना जा रहा है कि अगर केरल में लॉकडाउन और रणनीतिक रोकथाम उपायों का सख्ती से पालन हुआ तो दो सप्ताह के भीतर कोरोना के मामलों में खासी कमी आ सकती है।
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